यानी इंसान को यह अहसास बना रहता है कि कोई सर्वशक्तिमान सत्ता है, जो उसके हर एक कर्म पर नजर रखती है और उसके हर गलत कर्म पर सजा देने की ताकत रखती है। यह यकीन इंसान को बहुत सी बुराइयों से बचाता है और अच्छे कर्मों की ओर अग्रसर करता है। कुरआन कहता है, ‘वही एक सर्वशक्तिमान ईश्वर है। वह परोक्ष और प्रत्यक्ष को जानता है। वह बड़ा कृपाशील और अत्यंत दयावान है।’ (59:22)