मानवता हजारों वर्षों से उनसे जूझती रही है, पर मेरा विश्वास है कि विज्ञान और धर्म के आपसी सहयोग से इनसे निपटने की दिशा में प्रगति करने के मूल्यवान अवसर हमारे पास हैं। इसको ध्यान में रखते हुए मैं वैज्ञानिक दलों के साथ लगातार संवाद बनाने में लगा रहता हूं। विभिन्न आयोजनों में क्वांटम भौतिकी और ब्रह्माण्ड विज्ञान से लेकर करुणा और विनाशकारी भावनाओं तक पर चर्चा हुई है।
मैंने पाया है कि ब्रह्माण्ड विज्ञान जैसे क्षेत्रों में जहां वैज्ञानिक खोजें अधिक गहन समझ प्रदान करती हंै, वहीं ऐसा लगता है कि बौद्ध व्याख्याएं भी कभी-कभी वैज्ञानिकों को अपने ही क्षेत्र को देखने का एक नया मार्ग देती हैं। साधारणतया विज्ञान इस वस्तु-जगत को समझने का एक असाधारण माध्यम रहा है, जिसने हमारे जीवन काल में ही बहुत प्रगति की है। इसके बावजूद खोजने के लिए अभी भी बहुत कुछ है। आधुनिक विज्ञान आंतरिक अनुभवों के बारे में इतना विकसित नहीं प्रतीत होता।