मुश्किल यह है कि जिंदगी में खुशी पाने के मकसद से आप खुद को दुखी बना लेते हैं। जब काम करते समय उसमें खुशी का अहसास होने लगे, तभी समझिए कि आप पूर्ण रूप से काम कर रहे हैं। मजबूरी में आकर काम करने की भावना आप में आए, तो उस काम को आप बेमन से कर रहे होते हैं। परिवार के पूरे बोझ को कंधे पर ढोने के दुख के साथ जो लोग काम करते हैं, उनकी कौन-सी इच्छा पूरी होगी? ऐसे में अल्सर, उच्च रक्तचाप और तरह-तरह के मनोरोग आपके शरीर में घर करने के लिए बिन बुलाए हाजिर हो जाएंगे।