कोरोना महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण कार्यक्रम को गति देनी होगी। घर-घर जाकर टीका लगाने के लिए बड़ी संख्या में नर्सेज, कंपाउंडर आदि चिकित्साकर्मियों की जरूरत पड़ेगी, जो संभव नहीं है। इसकी जगह जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेते हुए प्रत्येक शहर, गांवों में वार्डवार बूथ बनाकर टीकाकरण कैंप लगाने चाहिए, जिससे न केवल प्रत्येक वार्डवासी को टीकाकरण का लाभ मिलेगा, बल्कि सरकार को वार्डवार टीकाकरण का समस्त रिकॉर्ड भी सुव्यवस्थित तरीके से प्राप्त हो सकेगा।
-मुरली मनोहर पुरोहित, बीकानेर।
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घर-घर लगाए जाएं टीके
कोरोना केंद्रों पर उमड़ी भीड़ व अव्यवस्था से नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं, वहीं गांवों में टीका नहीं लग पा रहा। देश में टीकाकरण के लिए ऐसी व्यवस्था हो, जिससे हर नागरिक को टीका लग जाए। सरकार उचित प्रबंधन कर घर-घर टीका लगवाए।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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घर-घर जाकर टीके लगाने से सामाजिक दूरी बनाए रखी जा सकेगी, जो कि अभी बहुत बहुत आवश्यक है। साथ ही लोग लाइन में लगने से बच जाएंगे। घर-घर टीकाकरण से कोविड सुरक्षा मानदंडों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा
-दिनेश कुमार पीपाड़ा, रेलमगरा, राजसमंद
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घर-घर जाकर कोरोना से बचाव का टीका लगाना संभव नहीं है। इससे वैक्सीन के खराब होने, बर्बाद होने और उसकी गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है। इसके अलावा यदि टीकाकरण के बाद कोई साइड इफेक्ट का मामला आता है, तो स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचने में देरी हो सकती है। इसके साथ ही इससे टीकाकरण अभियान में भी काफी लम्बा समय लगेगा, जो वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए उचित नहीं है।
-कमलेश कुमार कुमावत, चौमूं, जयपुर
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घर-घर वैक्सीनेशन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे कोविड-19 वैक्सीनेशन केंद्रों पर भीड़-भाड़ नहीं होगी, जिससे संक्रमण का खतरा भी कम होगा। पिछड़े क्षेत्रों में भी वैक्सीनेशन महत्त्वपूर्ण अभियान गति पकड़ सकेगा।
-उमाकांत शर्मा, डग, झालावाड़
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सरकार को पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर सभी लोगों को कोरोना के टीके घर-घर जाकर लगाने का ऐलान करना चाहिए। सभी ग्राम पंचायतों व वार्डों में जनप्रतिनिधि चुनाव-प्रचार की तर्ज पर घर-घर जाकर लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करें और सभी को टीका लगे यह सुनिश्चित करना चाहिए। इन क्षेत्रों में सभी लोगों का टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और सभी को कोरोना किट दिया जाना चाहिए । अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, पर्याप्त मात्रा में बेड, दवाइयों, एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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वैक्सीनेशन केंद्रों पर उमड़ रही है भीड़
कोरोना के टीके घर-घर लगाना ही ठीक होगा, क्योंकि वैक्सीनेशन सेंटर पर बहुत ज्यादा भीड़ हो जाती है, जो महामारी अध्यादेश 2020 व धारा 144 का सरासर उल्लंघन है। वैक्सीनेशन सेंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होती। इसलिए वैक्सीनेशन का कार्य घर-घर उचित होगा, वरना इधर वैक्सीनेशन होगा और उधर कोरोना वितरित होगा। जो युवा नर्सिंग कोर्स कर चुके हैं, उन्हें वैक्सीनेशन के कार्य से जोड़ा जा सकता है।
-मुकेश जैन, झालावाड़
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कोरोना का टीका घर-घर जाकर लगाने की पहल सरकार को करनी चाहिए, क्योंकि कई लोग टीका तो लगवाना चाहते है, किंतु इसके लिए वे टीकाकरण केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ हैं। बड़ी संख्या में दिव्यांग व बुजुर्ग हैं, जो अकेले टीकाकरण केंद्र तक जाने में असमर्थ हैं। उन्हें टीकाकरण केंद्र तक ले जाने के लिए कोई व्यक्ति उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा कई लोगों में टीकाकरण को लेकर कई तरह के भ्रम फैले हुए हंै, जिसके कारण यह टीका नहीं लगवाना चाहते हैं। ऐसे में जब टीकाकरण घर-घर पहुंच कर किया जाएगा तो टीकाकरण करने वाली टीम उनके मन के सारे भ्रम दूर कर इन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित कर टीका लगा सकेगी। साथ ही घर-घर जाकर टीकाकरण होने से उन लोगों को भी लाभ मिल सकेगा, जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने में असमर्थ हैं।
-सुदर्शन सोलंकी, मनावर, जिला-धार
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कोरोना के इस भयावह पूर्ण वातावरण में एक आस टीकाकरण है, लेकिन जब टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे लोगों तक भी टीकाकरण की डोज नहीं पहुंच पाती तो निराशा होती है। साथ ही लोग मास्क तो लगाते हैं, लेकिन शारीरिक दूरी का पालन न करने के कारण संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाता है। ऐसे में टीकाकरण अगर ‘घर-घर’ सुलभ होगा तो संक्रमण से बचाव होगा।
कुमकुम सुथार, रायसिंहनगर, श्रीगंगानगर
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कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों के टीके लगाए जाएं। घर-घर जाकर टीकाकरण करने से यह अभियान काफी सफल होगा। इसमें मोहल्ले के लोगों का सहयोग लिया जाए, जिससे लोगों का भरोसा बढ़े। निश्चित ही घर-घर टीकाकरण अभियान की शुरुआत होनी चाहिए।
-साजिद अली, चंदन नगर, इंदौर
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टीकाकरण बूथ बनाए जाएं
घर-घर टीकाकरण ही एकमात्र विकल्प है। सर्वप्रथम सरकार वैक्सीन की राज्यों की मांग अनुसार उपलब्धता की ओर ध्यान दे। वैक्सीन का अधिक से अधिक उत्पादन करना होगा। टीका घर-घर जाकर लगाने से ही कोरोना के संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है। वार्ड वार बूथों का निर्धारण कर टीकाकरण को प्रभावी बनाया जाना चाहिए। मतदान बूथों की तरह हो टीकाकरण बूथ बनाए जाएं, तब ही कोरोना की विदाई संभव है।
-खुशवंत कुमार हिंडोनिया, चित्तौडग़ढ़
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कोरोना की दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्रों में भी ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं। सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाइन पंजीकृत लोगों को ही टीकाकरण की सुविधा प्रदान की जा रही है। ऐसे में साइट के खुलते ही सभी रिक्तियां पूर्ण हो जाती हैं और सुबह से ही टीकाकरण केंद्रों पर भीड़ उमड़ पड़ती है। क्या इस प्रकार की व्यवस्था से कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं है? भीड़ में कोई कोरोना पीडि़त भी हो तो कैसे पता चले? गांवों में और भी बुरे हालात हैं। ऐसे में सरकार यदि घर-घर नि:शुल्क वैक्सीन की सुविधा प्रारम्भ करती है, तो कोरोना को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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गांवों व शहरों में वार्ड के अनुसार एएनएम के साथ अन्य सहायक कर्मचारी लगाकर घर-घर जाकर टीकाकरण करना चाहिए। वर्तमान में लॉकडाउन के कारण सभी घर में ही मिलेंगे। साथ ही टीकाकरण केंद्र पर भीड़ से बचेंगे। इस प्रक्रिया से जल्दी टीकाकरण हो जाएगा तथा समय पर इस वायरस से देश मुक्त होगा।
-जगदीश पुरी गोस्वामी, बालोतरा, बाड़मेर
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ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क समस्या तथा स्लॉट बुक कराने की तकनीकी जानकारी नहीं होने से लोग टीके से वंचित हो रहे हैं। साथ ही कोसों दूर चल कर टीकाकरण के लिए भीड़ के रूप में जुटना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए संक्रमण से बचने के लिए टीम बनाकर घर-घर टीकाकरण करना सबसे अच्छा उपाय है, जिससे समय व धन की बचत होगी।
-पुष्पा स्वामी, रंगाईसर, राजस्थान
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वैक्सीन ऑनलाइन बुक कराने का तरीका सीमित लोंगो को ही लाभ देगा। ग्रामीण और स्मार्ट फोन से दूर जनता केवल ताकती रहेगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य सरकारी कर्मचारियों के माध्यम से सर्वे करके घर-घर टीकाकरण ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। इस व्यवस्थित तरीके से हड़बड़ाहट और असन्तुलन की स्थिति भी समाप्त होगी।
-सतीश कुमार गौतम, अंता, बारां
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टीकाकरण के लिए घंटों लाइन में लगने और भीड़ इकट्ठी होने से ज्यादा संक्रमण फैलने का खतरा है। इसलिए व्यवस्था के अनुसार पीएससी और सीएससी के माध्यम से टीम बनाकर घर-घर टीकाकरण करना कोरोना की चेन तोडऩे में सहायक सिद्ध होगा। लोग अपने घरों में सुरक्षित भी रहेंगे, लॉकडाउन का भलीभांति पालन भी हो सकेगा।
-सुरेन्द्र स्वामी, बिरकाली,नोहर
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कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम में महिला कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है। घर-घर जाकर टीकाकरण उनके लिए जोखिम तथा चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। उनकी सुरक्षा और गरिमा पर आंच ना आए, इसका भी हमें ध्यान रखना चाहिए। पिछली बार महिला कर्मचारियों के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ, उसे भी हमें याद रखना चाहिए। घर में टीकाकरण में हमें बहुत अधिक मानव संसाधनों की आवश्यकता पड़ेगी। अत: सामान्य लोगों को टीकाकरण केंद्र में ही टीके लगाए जाएं। हां, बुजुर्गों को घर पर टीका लगाया जा सकता है।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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कोरोना वैक्सीन और उपचार के लिए नित-नए निर्देश और गाइडलाइन जारी कर सरकार जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। सरकार को चाहिए कि कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए शिक्षकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों की मदद ले। मतदाता सूची के आधार पर घर-घर जाकर वैक्सीन लगानी चाहिए। इससे वैक्सीन केंद्रों पर भीड़ से छुटकारा मिल सकेगा और संक्रमण को कम किया जा सकेगा ।
-महेंद्र गेहलोत, इन्दौर, मप्र