सरकार को आंशिक रूप से शिक्षण संस्थानों को खोलना चाहिए। आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए कम से कम दीपावली तक स्कूल नहीं खोलने चाहिए। आठवीं से ऊपर के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए भी पूरे इंतजाम होने चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सभी विद्यार्थियों को मास्क और सैनिटाइजर आवश्यक रूप से उपलब्ध करवाए जाने चाहिए।
-आशुतोष शर्मा, विद्याधर नगर जयपुर
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सुनिश्चित गाइडलाइन के तहत शिक्षण संस्थान खुल जाने चाहिए। शैक्षिक गत्यावरोध दूर कर छात्र वर्ग मे नवोन्मेष भरना अति आवश्यक है।
-विद्याशंकर पाठक, सरोदा, डूंगरपुर
…………….. स्वास्थ्य प्राथमिकता
कोरोना संक्रमण के चलते विगत 4 माह से शिक्षण संस्थान बन्द हैं। शिक्षण प्रक्रिया ठप्प सी हो गई है। ऐसे में विद्यालयों ने ऑनलाइन कक्षाएं प्रारम्भ कर रखी हैं, लेकिन वे खानापूर्ति मात्र हंै। एक सितंबर से शिक्षण संस्थानों के पुन: खुलने की चर्चा है, लेकिन अभी तक कोरोना के संक्रमण पर हम नियंत्रण नहीं कर पाए हैं। दिन-प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों को स्थिति नियंत्रित होने तक बंद ही रखना चाहिए। बच्चों का स्वास्थ्य ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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प्रयोग के तौर पर शिक्षण संस्थान खोल देने चाहिए। इससे सही स्थिति ज्ञात होगी। इसके साथ ही अन्य क्षेत्र भी कोरोना मुक्ति के लिए प्रयत्नशील रहेंगे। बालक स्वयं भी इस महामारी से लडऩे के लिए अभिभावकों को सतर्क कर महती भूमिका निभा सकते है।
-छगनलाल व्यास, खंडप, बाड़मेर
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शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए अब कड़े नियमों की पालना के निर्देश के साथ ही अनुमति दे देनी चाहिए। एक ओर जहां कोरोना ने पूरे देश को संक्रमण से प्रभावित किया है, वहीं दूसरी तरफ हर क्षेत्र में संकट पैदा होने के साथ ही सबने मिलकर अब बचाव के उपाय ढूंढ लिए हैं। बाजार, मॉल, हवाई सेवाएं, रेलवे, रोडवेज, होटल, रेस्टोरेंट, मंदिर, जिम, पार्क और लगभग सभी सरकारी कार्यालयों में सेवाएं बहाल हो चुकी हैं। इसलिए शिक्षण संस्थानों को भी चरणबद्ध तरीके से खोलने की शुरुआत की जाए। पहले चरण में यूनिवर्सिटी और कॉलेज स्तर की कक्षाओं की शुरुआत की जाए। दूसरे चरण में दसवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को बुलाया जाए। तीसरे चरण में छठी से नवीं तक के स्कूल खोले जा सकते हैं। साथ ही प्रशासन और प्रबंधन थर्मल स्कैन, मास्क, सैनिटाइजर की उपलब्धता और आवश्यक नियमों की पालना सुनिश्चित करवाए।
-हिमांशु मेहरा, बारां
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मौजूदा हालात को देखते हुए कोरोना संक्रमण भयावह होता जा रहा है। अभिभावकों की स्वीकृति न मिल पाने से सरकार भी ठोस निर्णय लेने में असहाय नजर आ रही हैं।
-दिलीपसिंह चौहान, चौपासागए, गढ़ी
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शिक्षण संस्थानों का लम्बे समय तक बंद रहना चिंताजनक है, लेकिन स्कूल खुल भी गए, तो कई समस्याएं आएंगी। कई स्कूलों के पास इतने संसाधन और स्थान नहीं हंै कि वे छोटे बच्चों को गाइड लाइन के अनुसार सम्भाल सकें। अत: कक्षा आठ तक के बच्चों को अभी स्कूल नहीं बुलाया जाना चाहिए।
एस.एस. चौहान, बिसाऊ, झुन्झुनूं
शिक्षण संस्थानों को अभी खोलना उचित नहीं है क्योंकि हमारे यहां न तो सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है और ना ही सैनिटाइज किया जा रहा है। महत्वपूर्ण आवश्यकता अभी कोरोना को रोकना है। साथ ही साथ निचले और गरीब तबके के लोगों को रोजगार और भुखमरी से बचाना भी है। अत: शिक्षण संस्थानों को अभी खोलना इस बीमारी को हवा देने के बराबर रहेगा।
सव्यसाची द्विवेदी,डूंगरपुर
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कोरोना महामारी के कारण बंद शिक्षण संस्थाओं को पूर्णत: खोलना उचित नहीं होगा। सरकार को पहले कॉलेजों और बोर्ड के विद्याार्थियों के लिए शिक्षण संस्थाएं खोलने पर विचार करना चाहिए, जिससें विद्याार्थियों की पढ़ाई सुचारु रूप से चल सके ।
-दिव्यांशु शर्मा, चौमूं
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जब माल खुल रहे हैं, बाजार खुल रहे हैं, तो फिर शिक्षण संस्थान क्यों नहीं खुल सकते। हां, सोशल डिस्टेंस का जरूर ध्यान रखा जाना चाहिए। जहां तक महामारी की बात है, तो क्या गरण्टी है कि यह जल्द खत्म हो जााएगी?
-शिवराज सिंह राठौड, डीडवाना, नागौर
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कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के कारण शिक्षण संस्थान लगातार बंद हैं। भारत सरकार तथा राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप शिक्षण संस्थानों को खोला जाता है, तो उन्हें पहले बड़ी कक्षाएं फिर छोटी कक्षाओं तक पूरी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सैनिटाइजर और मास्क की सुविधा के साथ खोला जा सकता है।
-सुभाष विश्नोई, जोधपुर