आयकर की प्रक्रिया बहुत जटिल है, जिसे सरल बनाया जाना चाहिए। आयकर के लिए विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग तरह के फार्म भरे जाते हैं। सभी के लिए एक ही तरह का फार्म निर्धारित हो और जिसे भरना भी आसान बनाया जाए। अभी आयकर फार्म भरने के लिए विशेषज्ञों की सहायता लेनी पड़ती है, जो सबके वश की बात नहीं है। आयकर की दरें भी बहुत ऊंची हंै, जिनको कम करना चाहिए। वेतनभोगी कार्मिकों की आय तो खुली किताब होती है, वह उसे छिपा नहीं सकता है, जबकि व्यापारियों की आय ज्यादा होने के बावजूद भी वे आयकर के दायरे से बाहर हो जाते हैं।
-कैलाश चन्द्र मोदी,सादुलपुर,चूरू
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आयकर में सुधार के लिए सरकार को भगीरथी प्रयास करने होंगे। बेहतर तो यह है कि सरकार व्यय आधारित टैक्स प्रणाली अपनाए। जिनके पास पास ज्यादा भूमि हो, उन्हें टैक्स के दायरे में लाया जाए।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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आयकर व्यवस्था में बड़े-बड़े किसानों की कृषि आय को सम्मिलित करने से राष्ट्र को अच्छी आमदनी हो सकेगी जिसका प्रयोग वंचितों के उत्थान में किया जा सकता है। सरकार को इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा।
-डॉ. अशोक, पटना, बिहार
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आयकर अधिनियम में कितने ही संशोधन किए जा चुके हंै। सही आय बताने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं। इनका खास असर नजर नहीं आ रहा। अब समय आ गया है कि आयकर प्रयोजनार्थ आय की बजाय खर्चे पर ज्यादा जोर देना चाहिए, ताकि आदमी अपनी सही-सही इनकम का रिटर्न भरते हुए देश के विकास में सहयोगी बने। बदलाव बहुत ही आवश्यक और समय की मांग हैं।
-भगवती लाल जैन, राजसमंद
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देश की आर्थिक व्यवस्था ठीक करने के लिए आयकर की वसूली होती है। वर्तमान आयकर व्यवस्था में बदलाव जरूरी है। आयकर पूंजीपतियों पर ज्यादा लगे। मध्यम वर्ग व नौकरीपेशा को आयकर से मुक्त किया जाए। अवैध रूप कारोबार करने वालों पर लगाम कसी जाए।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर
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फिलहाल भारतीय आयकर व्यवस्था सभी वर्गों के लिए उपयुक्त एवं व्यवस्थित है। सभी भारतीय नागरिक ईमानदारी से अपना टैक्स चुकाते रहें और देश की तरक्की एवं उन्नति में अपना अहम योगदान दें।
-महेश आचार्य, नागौर
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आयकर रिटर्न की फाइलिंग का सरलीकरण हो, ताकि सामान्य शिक्षित व्यक्ति आसानी से टैक्स फाइलिंग कर सके। टैक्स के नियमों में कठोरता से पहले आम जन तक इसके नियमों कि जानकारी पहुंचाई जाए। कुछ लोग जानकारी के अभाव में रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हंै।
-उमेश कुमार यादव, तिजारा, अलवर
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आयकर व्यवस्था में आवश्यक बदलाव उन मानसिकता वाले लोगो को देखते हुए करना चाहिए, जो कि आयकर को एक जटिल व्यवस्था या बोझ मानते हैं। बदलाव इस तरह का हो कि लोग आयकर इस प्रकार जमा कराएं, जैसे वे खुद की ही गुल्लक भर रहे हों। अथार्त आयकर की उपयोगिता सबको भली-भांति दिखे ।
-योगेश चौहान, बूंदी
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आयकर व्यवस्था में बदलाव आवश्यक है, क्योंकि इससे मध्यम आय वाले वेतनभोगियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मध्यम वर्ग के लोग भी बेहतर तरीके से जीना चाहते हैं। अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहते हैं। उनके हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार को आयकर व्यवस्था में बदलाव करना चाहिए।
-मुकेश जैन चेलावत, पिड़ावा
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आयकर चुकाना आम नागरिक का दायित्व है। आयकर के नियम बेहद सरल हो। आम करदाता कर बचाने में लगा रहता है। आयकर चुकाते वक्त उच्च मनोबल एवं गौरव पूर्ण भावना का होना आवश्यक है।
-नरेन्द्र कुमार शर्मा, जयपुर