scriptआपकी बात…कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के इस्तेेमाल का क्या असर हो रहा है | What is the impact of the use of chemical fertilizers and pesticides | Patrika News
ओपिनियन

आपकी बात…कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के इस्तेेमाल का क्या असर हो रहा है

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं…पेश हैं चुनींदा प्रतिक्रियाएं

Feb 08, 2024 / 03:55 pm

विकास माथुर

आपकी बात...कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के इस्तेेमाल का क्या असर हो रहा है

आपकी बात…कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के इस्तेेमाल का क्या असर हो रहा है

हो रही हैं कई गंभीर बीमारियां
इससे मानव के शरीर में कई दुष्प्रभाव हो रहे हैं। कई तरह की गंभीर बीमारियां हो रही हैं। इनमें कैंसर, ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट अटैक, गुर्दे खराब होना आदि शामिल हैं। कई बार इससे मानव मौत के किनारे पहुंच जाता है।
सुरेंद्र बिंदल, जयपुर
………………………………………
मिट्टी की उर्वरा शक्ति हो रही कम
रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से खेतों की जमीन बंजर होने लगी है। इन के प्रयोग से धीरे धीरे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है, मिट्टी में उपस्थित प्राकृतिक तत्व कम होने लगते हैं, मिट्टी के कणों की जल संग्रहण क्षमता कम होने लगी है। इन उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा है और पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है जो कि भविष्य की भयावह तस्वीर दिखाता है।
ज्योति अभिषेक शर्मा, जयपुर
………………………………………
आम लोगों के जीवन को खतरा
रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से फसल उत्पादन तो बढ जाता है, लेकिन मृदा अनुपजाऊ हो जाती है। विगत कुछ वर्षों से यूरिया के अंधाधुंध इस्तेमाल से खेत बंजर हो गए हैं। इससे आम जनता के जीवन को खतरा पैदा हो गया है। कैंसर,बीपी और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों में बढ़ोतरी हो रही है। मानव शरीर पर इसका कुप्रभाव पड़ता है।
साजिद अली, इंदौर
……………………………………….
अधिकाधिक प्रयोग से मित्र-कीटों में गिरावट
इन रसायनों के बढ़ते उपयोग ने मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला है। हांलाकि इसके प्रयोग से पैदावार बढ़ी है, लेकिन खेती और पर्यावरण पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण हो रही है। मिट्टी के क्षारीय होने से पैदावार घट रही है। कीटनाशक और रासायनिक उर्वरकों के अधिकाधिक प्रयोग से मित्र-कीटों में गिरावट आती है। साथ ही मिट्टी से प्राकृतिक तत्वों का लोप हो रहा है। इसीलिए कृषि वैज्ञानिकों कों अपने खेत की मिट्टी परीक्षण करवाकर ही इन उर्वरकों-कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए।
नरेंद्र रलिया, भोपालगढ़, जोधपुर
……………………………………………
खाद्यानों में पहले जैसा स्वाद व ताकत नहीं
पिछले दो दशकों से इनका का भरपूर प्रयोग हो रहा है। इससे मिट्टी अपनी उर्वरता खो रही है। इनके अधिक प्रयोग से विषैले रसायन निरंतर मिट्टी में जाते रहते हैं, जिससे पानी भी दूषित हो रहा है। फसलें अधिक मात्रा में उगती हों परंतु उनमें वह स्वाद और ताकत नहीं रही।
सुभाष बुड़ावन वाला ,रतलाम ,एमपी
…………………………………………………
मिट्टी की उत्पादन क्षमता में कमी
कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से मिट्टी की उत्पादन क्षमता में निरंतर कमी आने लगती है। जिससे किसान को नुकसान उठाना पड़ता हैं।
प्रियव्रत चारण, जोधपुर
…………………………………………………….
पर्यावरण पर विपरीत असर
इसके अंधाधुंध उपयोग से सेहत साथ पर्यावरण पर विपरीत असर पड रहा है। कैंसर जैसे लाइलाज बीमारी का कारण भी इन्हीं रसायनों के बेतहाशा इस्तेमाल से है। इसके लिए जैविक उत्पादन को बढावा मिलना चाहिए।
मदन लाल साहू, छत्तीसगढ़
………………………………………………….
आगामी नस्ल को खतरा
कृषि में इसके उपयोग से उत्पादन बढा है लेकिन दुष्परिणाम भी सामने आर रहे हैं। कैंसर जैसी बीमारी से आने वाली नस्ल को खतरा बढ रहा है। चारे की समस्या उत्पन्न होने के कारण मवेशी भूखे मर रहे हैं।
नरेंद्र शर्मा, कोटा
………………………………………………………
रसायनों के दुष्परिणामों से रहना होगा सावधान
रसायनों के कृषि में अत्यधिक इस्तेमाल से भूमि दूषित हो गई है। आम लोग रोगी हो रहे हैं। जीवन की आयु भी घट रहे हैं। घातक बीमारियां अपना शिकंजा कस रही हैं। खेती भी जहर बन गई हैं जिसकों समय रहते नही भापा तो आने वाले समय मे इसके दुष्परिणाम सामने आना निश्चित हैं।
संजय माकोड़े, बैतूल

Hindi News/ Prime / Opinion / आपकी बात…कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के इस्तेेमाल का क्या असर हो रहा है

ट्रेंडिंग वीडियो