इन दिनों सर्दी बढ़ गई है। ऐसे में सरकार को बेघरों के लिए पर्याप्त रैन बसेरों की व्यवस्था करनी चाहिए। सरकार को सर्दी के लिए भी ठोस योजना बना कर स्थाई रैन बसेरों की व्यवस्था करनी चाहिए।
-लता अग्रवाल चित्तौडग़ढ़
………………………
दिसंबर आते ही ठंड का असर दिखने लगता है। ठंड का असर उन लोगों पर अधिक होता है, जो बेघर हैं। ऐसे में जरूरत है केंद्र व राज्य सरकारें समय पर इनके लिए ठंड से बचाव के लिए सुरक्षा के साधन उपलब्ध कराए। खासकर अलाव व रैनबसेरों का पर्याप्त इंतजाम हो।
-साजिद अली, इंदौर
……………….
सरकार को बेघरों के लिए रैन बसेरा की पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे उनको राहत मिल सके। वर्तमान में फुटपाथों पर रहने वाले लोगों को सर्दी की मार सहनी पड़ रही है। यदि इनको रैन बसेरों में जगह मिल जाए, तो इनका सर्दी से बचाव हो सकता है। सर्दी से बचाव के लिए कंबल, रजाई इत्यादि उपलब्ध कराई जाए।
-मनोहर सिंह बीका, जोधपुर
……………
बेघर लोगों को सर्दी से बचाने के लिए सरकार अलाव की व्यवस्था करे। रैन बसेरों, धर्मशाला एवं खाली पड़े शासकीय भवनों में आश्रय देकर उनको सर्दी से बचाया जा सकता है। गर्म कपड़ों एवं रजाई की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। गैर सरकारी संस्थाएं भी इस काम में सरकार की मदद कर सकती है।
-सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़
……………………….
अपाहिज और बेसहारा लोगों को कड़कड़ाती सर्दी मेें सहारा देने के लिए सरकार को अपने स्तर पर वित्तीय अनुदान देना चाहिए। हर शहर के विधायक और पार्षद को इसके लिए अपने स्तर पर कंबल, स्वेटर, बिस्तर वितरित करने चाहिए।
-प्रकाश चन्द्र राव, भीलवाड़ा
………………….
स्थानीय स्तर पर बेघर लोगों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था करनी चाहिए। सर्दी से बचाव के लिए बिस्तर, रजाई व पीने के पानी की व्यवस्था हो, ताकि बेघर लोग इन रैन बसेरो में रात आसानी से गुजार सकें और सर्दी से उनका बचाव हो सके। रैन बसेरों की संख्या बढ़ाई जाए और उनका प्रबंध सुधारा जाए।
-नरेश सुथार, बीकानेर।
………………………
सर्दियां एक बार फिर जोरों पर हैं। प्रदूषण, धुंध और तापमान में गिरावट बेघर लोगों के लिए रात की नींद को एक बड़ी चुनौती में बदल देते हैं। इन्हें कड़ाके की सर्दी में खुले में सोना पड़ता है। ऐसे में सरकार की तरफ से जो भी प्रबंध किए जाएं, वे पुख्ता होने चाहिए। जनसहभागिता भी आवश्यक है।
-अजिता शर्मा, उदयपुर
……………………..
बेघर लोगों को सर्दी से बचाने के लिए न्यायालय के आदेशों की अनुपालना के नाम पर महज खानापूर्ति न करके जरूरत के मुताबिक मूलभूत सुविधाओं सहित पर्याप्त संख्या में रैन बसेरों की व्यवस्था करे। दान दाताओं को भी बेघर लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
– दिव्यांश अमित शर्मा, श्रीमाधोपुर, सीकर
…………………..
लाखों लोग ऐसे हैं जिनके पास सिर छिपाने की जगह नहीं है और वे फुटपाथ पर ही रहते हैं। इनके पास सर्दी से बचाव के साधन भी नहीं हंै। यही वजह है कि हर वर्ष सर्दी से कई लोगों की मौत तक हो जाती है। अभी और ठंड तेज होगी। ऐसे में जरूरी है कि सरकार ऐसे लोगों के लिए उचित इंतजाम करे। शासन-प्रशासन को रैन बसेरों की संख्या बढ़ानी चाहिए। ये रैन बसेरे अच्छे व जरूरत के मुताबिक होने चाहिए। गर्म कपड़े, कंबल, स्वेटर और रजाई जैसी वस्तुएं देकर इनकी मदद की जा सकती हैं। इसके लिए समाज के सक्षम लोगों को आगे आना चाहिए।
-मुस्ताक अहमद खिलजी, देणोक, जोधपुर
……………………
बेघरों को सर्दी से बचाने के लिए सरकार को स्थानीय प्रशासन के सहयोग से शहर के हर मुख्य मार्गों पर निशुल्क रैन बसेरों की व्यवस्था करनी चाहिए। रैन बसेरों की व्यवस्था भी अच्छी हो।
-उदय बक्षी, कोटा