अफगानिस्तान से अमरीकी सेना हटने से तालिबान मजबूत होगा। क्षेत्र में अशांति बढ़ेगी और आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा। वर्ष 2001 में तालिबान के खिलाफ युद्ध की शुरुआत की गई थी। दुर्भाग्य से 20 साल बाद भी अफगानिस्तान में तालिबान की पकड़ मजबूत है। इससे उसकी ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। आने वाले समय में यह आतंकी संगठन केवल अफगानिस्तान के लिए ही नहीं, भारत के लिए भी खतरा हो सकता है।
-शिवम अवस्थी, रायपुर, छत्तीसगढ़
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अमरीकी सेना के हटने से अफगानिस्तान में आतंकवाद की समस्या फिर से गंभीर हो सकती है। पाकिस्तान और चीन का अफगानिस्तान में दखल बढऩे की पूरी संभावना है, तो वहीं रूस के भी इस इलाके पर फिर से अपना वर्चस्व हासिल करने के लिए सक्रिय होने की आशंका है। अफगानिस्तान भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में भारत की चिंता बढऩा लाजमी है। अफगानिस्तान में शांति या अशांति दोनों का ही प्रत्यक्ष प्रभाव भारत पर पड़ता है। भारत द्वारा अफगानिस्तान में किए जा रहे निवेश की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि अफगानिस्तान में शांति व्यवस्था बनी रहे।
-डॉ.अजिता शर्मा, उदयपुर
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अमरीका ने वियतनाम के बाद यदि सबसे बड़ी हानि झेली है। इसी के चलते वहां के राष्ट्रपति अफगानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी चाहते हैं। अमरीका यह फैसला भारत के लिए प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न करेगा। अफगानिस्तान के रास्ते हमारा काफी व्यापार होता है। अब तालिबान तथा शत्रु देश गठबंधन करके भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकते हैं। इससे अफगानिस्तान में लोकतंत्र को भी आघात पहुंचाने वाला है।
-एकता शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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अफगानिस्तान में हालत बद से बदतर हुए हैं। इस देश में सभ्यता सदियों से अवनति की ओर लुढ़कने को अभिशप्त है। अमरीकी फौज जब तक अफगानिस्तान में थी, तालिबान गुफाओं में दुबका हुआ था। फौज हटने के बाद उसके फिर सक्रिय होने का खतरा मंडरा रहा है। तालिबान को हद में रखने के लिए भारत को ठोस प्रयास करने होंगे।
-मुकेश जैन चेलावत, पिड़ावा
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अमरीकी की सेना हटाने के फैसले से अफगानिस्तान में गृहयुद्ध का खतरा बढ़ गया है। अब तक अमरीकी सेना वहां शांति स्थापित करने की कोशिश कर रही थी। पाकिस्तान अब तालिबान का इस्तेमाल कश्मीर में विद्रोह फैलाने के लिए कर सकता है।
-उत्तम पूनिया, झुंझुनू
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अफगानिस्तान से अमरीकी सेना के वापस होने से रूस के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान के हौसले बुलंद होंगे। भारत अफगानिस्तान में काफी निवेश कर चुका है। इसलिए यहां भारत की स्थिति कमजोर होगी। इसलिए हमें सावधान रहने की जरूरत है।
-डॉ. अशोक, पटना, बिहार
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गत बीस वर्ष से अमरीकी सेना ने अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में कर रखा था। अब अमरीका की वापसी से वहां तालिबान का अधिकार हो जाएगा, जो विभिन्न आंतकी संगठनों को मजबूत करेगा। इससे आम आदमी का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। साथ ही भारत को भी इससे नुकसान ही होगा
-डॉ. पवन बुनकर, अचरोल, जयपुर
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अफगानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी से तालिबान फायदा उठा सकता है और इससे वहां फिर से गृह युद्ध के हालत पैदा हो सकते हैं। भारत अफगानिस्तान में अमन बहाली की कोशिश के साथ पैनी नजर रख रहा है।
-गोपाल अरोड़ा, जोधपुर
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अफगानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी होती है तो अफगानिस्तान में गृह युद्ध छिड़ जाएगा तथा तालिबान हावी हो जाएगा। परिणाम स्वरूप आतंकवाद बढ़ेगा, जिसका असर सारी दुनिया पर पड़ेगा। इसलिए अफगानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी का निर्णय गलत साबित होगा।
-नरेन्द्र कुमार शर्मा, जयपुर
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अफगानिस्तान से अमरीकी सेना हटाने से क्षेत्र में आतंकी ताकतों को बजबूत होने का मौका मिलेगा। यह भारत के लिए तो खतरनाक होगा ही, दुनिया पर भी इसका असर होगा। तय है कि राष्ट्रपति जो बाइडन को इस निर्णय के लिए पछताना पड़ेगा।
-बृजेश विजयवर्गीय, कोटा