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आपकी बात, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल क्यों उठते रहते हैं?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

May 19, 2022 / 04:20 pm

Patrika Desk

आपकी बात, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल क्यों उठते रहते हैं?

आपकी बात, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल क्यों उठते रहते हैं?


फिर नहीं उठेंगे सवाल
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल इसलिए उठते हैं क्योंकि अपराधियों में पुलिस का भय नहीं है और न ही पुलिस के प्रति आमजन में विश्वास है। चोरियों का खुलासा नहीं होता , कई पुलिसकर्मी पैसे लेकर अपराधियों को छोड़ देते है। कई बार तो ऐसा होता है कि जब चोर चोरी करके भाग जाता है, तो उसके कई घंटों बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती है। अगर पुलिस ईमानदारी से अपना काम करे तो ‘अपराधियों में भय, आमजन में विश्वासÓ पैदा हो सकता है। फिर उसकी कार्यशैली पर सवाल नहीं उठेंगे।
-नवीन कुमार फलवाडिय़ा, सुजानगढ़
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राजनीतिक दबाव का परिणाम
पुलिस का काम कानून और व्यवस्था के तंत्र को सुधारना है। मुश्किल यह है कि पुलिस के संदिग्ध क्रियाकलापों से न केवल कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है, बल्कि जनता के बीच उसकी छवि भी धूमिल होती है। वर्तमान में पुलिस पर राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है। इस दबाव का प्रभाव उसके कार्य पर भी दिखाई दे रहा है। हाल यह है कि पुलिस न तो कानून और व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बना पा रही है, न ही जनता की समस्याएं दूर करने में रुचि दिखा रही है। अपराधियों की पहुंच ऊपर तक होने के कारण पुलिस लाचार नजर आती है। स्वयं ही असुरक्षित पुलिसकर्मी आमजन को कैसे सुरक्षित रख पाएंगे?
-अजिता शर्मा, उदयपुर
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आपसी साठगांठ
स्वयं के हितों को साधने के लिए कुछ लोग जिस तरफ की हवा चलती है उसी ओर बहने लगते हैं। पुलिस वाले भी तो इसी समाज का हस्सा हैं। वे माहौल से कैसे अछूते रह सकते हैं? सत्य निष्ठा और कर्तव्य परायणता जैसे मूल्य मात्र किताबों तक सीमित हंै। कुछ अधिकारियों को छोड़ दिया जाए, तो अधिकांश दोनों पक्षों से घूस खाते हैं। अपराध होने पर इनकी लेटलतीफी तथा लचर कार्यशैली साफ-साफ दिखाई देती है। इसी का परिणाम है कि दंगे फसाद ,लूटपाट की घटनाएं दिनों दिन बढ़ती जा रही हंै।
एकता शर्मा
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काम का बोझ ज्यादा
समाज में व्यवस्था बनाए रखने के लिए जितने पुलिस कार्मिक होने चाहिए, उतने नहीं हैं। उन पर कार्यभार के साथ-साथ राजनीतिक दबाव भी बहुत अधिक है। इसे कम किया जाना चाहिए। पुलिस अधिकारियों को जनता के हित में कार्य करना चहिए। मुश्किल यह है कि आजकल के कुछ पुलिस अफसर दो बिल्लियों के झगड़े में खुद ही बंदर बन कर पूरी रोटी खा जाते हैं।
-सिद्धार्थ शर्मा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़
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पुलिस की साख पर सवाल
पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसका एक कारण राजनीतिक दबाव है। नेताओं के कारण पुलिस को कई ऐसे कदम उठाने पड़ते हैं, जो जन हित में नहीं होते। इससे पुलिस की साख खराब होती है।
मोनार्क परिहार, उदयपुर
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निर्दोष होते हैं परेशान
पुलिस की कार्यशैली पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। इसकी मुख्य वजह है पुलिस का दबाव में आकर कार्य करना। कई बार कार्यशैली में लापरवाही बरतना भी इसकी मुख्य वजह है। अक्सर पुलिस की कार्रवाई में दोषी से ज्यादा निर्दोष परेशान होते हैं।
-ज्योति गिरि, रायपुर
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पुलिस की सराहना जरूरी
पुलिस को कार्य करने के लिए पूरी छूट नहीं है। पुलिस को निष्पक्षता से काम करने दिया जाए। हमें पुलिस के कार्यों की सराहना करनी चाहिए। कोविड महामारी के दौरान भी पुलिस ने अपना योगदान बखूबी ढंग से निभाया।
कुनाल मिश्रा
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पुलिस को आधुनिक तकनीक की जरूरत
जब पुलिसकर्मी अपना कार्य ठीक से नहीं करते, तो सवाल तो उठेंगे ही। समय पर घटनास्थल पर नहीं पहुंचना, अपराधियों को भी समय पर न पकड़ पाना और पुलिस की मौजूदगी में भी भीड़ द्वारा किसी की भी हत्या कर देना जैसे मामले सामने आते रहते हैं। आए दिन आगजनी, तोडफ़ोड़ और अपहरण जैसी घटनाएं होना पुलिस की लापरवाही को दर्शाती हैं। पुलिस को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
-रजनी वर्मा, श्रीगंगानगर
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भ्रष्टाचार चरम पर
पुलिस स्वतंत्र काम नहीं करती। वह अस्पष्ट ट्रांसफर और प्रमोशन की राजनीति में दबी हुई है। इससे पुलिस तंत्र में भ्रष्टाचार चरम पर है। निष्पक्ष अनुसंधान नहीं हो पाता। इसलिए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते रहते हैं
-दिनेश वर्मा, जयपुर

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