आपकी बात, कर्ज लेने की प्रवृत्ति क्यों बढ़ रही है?
Published: Dec 02, 2022 05:15:08 pm
पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।


आपकी बात, कर्ज लेने की प्रवृत्ति क्यों बढ़ रही है?
मजबूरी है कर्ज
आज का मध्यम वर्ग, नियमित खर्चों के लिए भी कर्ज ले रहा है। महीने का बजट मकान किराया, बच्चों की बढ़ती स्कूल फीस तक के लिए, साथ नहीं दे पा रहा है। मजबूरन, लोगों को कर्ज के जाल मे फंसना पड़ रहा है। कर्ज की बढ़ती प्रवृत्ति, एक ऐसा मकडज़ाल बुन रही है, जिससे उनका बाहर आना मुश्किल हो रहा है। कर्ज लेने की प्रवृत्ति को बढ़ाने के लिए फाइनेंशियल कंपनियों और बैंकों के लोक लुभावन विज्ञापनों की सस्ते लोन की पेशकश भी जिम्मेदार मानी जा सकती है। उनके जाल से आदमी, बमुश्किल बाहर आ पाता है। आम आदमी को अपने खर्चों को नियंत्रित कर और बचत की आदत बना कर, कर्ज के जाल में फंसने से बचने के प्रयास करने होंगे।
-नरेश कानूनगो, देवास, मध्यप्रदेश.
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