अस्पताल हो या बहुमंजिली इमारतें या फिर मनोरंजन के सार्वजनिक स्थल, अग्निकाण्ड से कोई अछूता नहीं है। इसके लिए भवन निर्माता के साथ साथ अनुमति देने वाले अधिकारी भी दोषी हैं। ये बिना अग्नि सुरक्षा और आपदा के समय वैकल्पिक व्यवस्था को नजर अंदाज कर भवन खड़ा करवा देते हैं। इसे रोकने के लिए भवन निर्माण के साथ अग्नि सुरक्षा के उपाय, बिजली उपकरण और केबल की गुणवत्ता तथा फिटिंग संबंधी पावर लोड की भी नियमित जांच हो। आपातकाल में वैकल्पिक बचाव मार्ग/ सीढ़ियों आदि के लिए पर्याप्त स्थान रिक्त है या नहीं इत्यादि बिन्दु देखना चाहिए।
— हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश
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गर्मी के मौसम में भवनों में शॉटसर्किट हो जाता है। इसके लिए अग्निशमन यंत्र होना बेहद जरूरी है। जहां अग्निशमन यंत्र लगे हुए हों, वहां कैमरे भी होने चाहिए, जिससे आग लगने के कारण पर तुरंत काबू पाया जा सके। अधजली सिगरेट कहीं भी नहीं फेंकनी चाहिए।
— मुकेश सोनी जयपुर राजस्थान
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आग लगने के बाद मानवहानि को रोकने के लिए गीले कंबल को लपेटना चाहिए। यह उस आग को ऑक्सीजन मिलने से रोक देता है। आग रोकने के लिए भवनों में स्वीकृति से अधिक बिजली का लोड नहीं होना चाहिए। शॉर्टसर्किट से, गैस सिलेंडर के फटने से भी तेजी से आग फैलती है। इससे बचाव के उपाय करने चाहिए।
— प्रियव्रत चारण ’लव’ जोधपुर
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अग्निकांडों से बचने के लिए सरकारों ने जो सुरक्षा मानक तय किए हैं। लेकिन अधिकांश व्यावसायिक लोग उसकी पालना नहीं करते। इसके लिए निरीक्षण होना चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाही होनी चाहिए।
- हनुमान बिश्नोई, सांचौर , राजस्थान
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गर्मियों में अधिकतर भवन, मॉल आदि में पुराने बिजली उपकरणों में हेवी लोड हो जाता है। इसमें शॉर्टसर्किट की घटना से भारी नुकसान होता है। इन्हें समय— समय पर बदला या रखरखाव किया जाए तो आग की घटना को रोका जा सकता है। आग पर काबू पाने के लिए हैं सार्वजनिक भवनों, मॉल ,पर्यटन भवन अस्पताल आदि स्थानों पर पानी,मिट्टी बालू रेत की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए जिसे आग को रोका जा सके।
— गोविन्द लुंकड़, नया लूदराड़ा (मोकलसर) राजस्थान
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अग्निकांडों को रोकने के लिए फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, समय समय पर विद्युत वायरिंग की जाँच हो। साथ ही ज्वलनशील पदाथों के उचित भंडारण के साथ सरकारी नियमों का पालन करना, विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर आग बुझाने वाले उपकरणो को रखना और इसका आमजन को सामान्य प्रशिक्षण देने से आग लगने की घटनाओ को रोका जा सकता है।
— कपिल एम.वडियार, पाली, राजस्थान
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गर्मी के मौसम में पिछले कुछ वर्षों से आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं। यह चिंता का विषय है। ऊंची इमारतों के निर्माण में जरूरी सावधानियां नहीं बरती जा रहीं। इसके लिए सरकारी भ्रष्टाचार जिम्मेदार है जो कि नियमों की अनदेखी कर रही हैं। बाहर से भवन चमक दमक पूर्ण होते हैं लेकिन अंदर मामूली चिंगारियों को हवा मिलने से भीषण अग्निकाण्ड हो जाते हैं। ऐसे में नियमों की अनदेखी करने वालों पर कडी कार्रवाही होनी चाहिए।
— अजिता शर्मा, उदयपुर
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