रैफरी को बीच में रोकना पड़ा मुकाबला-
पवित्रा ने पहले दौर में शुरू से आक्रामक खेल खेला। इसी कारण परवीन ने अपने डिफेंस को मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन मौका पाते ही पवित्रा ने सटीक लैफ्ट जैब और हुक के जरिए उन्हें कमजोर किया। दूसरे दौर में पवित्रा हावी थीं और इसी वजह से रेफरी ने बीच में मुकाबला रोक पवित्रा को अगले दौर में भेज दिया।
मनोज भी अंतिम 8 में-
2010 नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मनोज ने पहले दौर के मैच में भूटान के संजय वांगदी को 5-0 से मात देकर अगले दौर में कदम रखा। मनोज के पक्ष में सभी रेफरियों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया। 31 साल के मनोज शुरू से आक्रामक थे और बेहद तेज खेल खेल रहे थे। संजय ने हालांकि धर्य रखा और सही समय पर पंच मारने का प्रयास किए। कुछ मौकों पर वह सफल भी रहे। दूसरे दौर में भी आलम यही था कि मनोज अपने प्रतिद्वंद्वी पर हावी रहे। तीसरे दौर में संजय ने कोशिश की लेकिन लेकिन मनोज ने सही डिफेंस से उनके पंचों को जाया कर दिया। अंतिम-16 में रविवार को मनोज का सामना कीर्गिस्तान के अब्दुरखमान अब्दुरखमानोव से होगा।
CWG स्वर्ण पदक विजेता गौरव हारे-
इससे पहले, इसी साल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले गौरव सोलंकी 52 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा के पहले ही दौर में बाहर हो गए। गौरव को पहले दौर में जापान के रयोमेई तानाका ने 5-0 से मात देकर अंतिम-16 में प्रवेश किया। गौरव ने हालांकि अपने अंदाज के अनुरूप आक्रामक खेल जारी रखा, लेकिन रेफरियों ने जापानी खिलाड़ी के पक्ष में फैसला किया। पहले दौर में दोनों ही खिलाड़ी रक्षात्मक थे और एक दूसरे के खेल को समझने की कोशिश में थे। दूसरे दौर में गौरव ने तेजी दिखाई और अपने जैब का अच्छा इस्तेमाल किया। जापानी खिलाड़ी ने हालांकि अच्छा बचाव किया। रेफरी ने दो बार तानाका को चेतावनी भी दी। तीसरे दौर में दोनों के बीच बराबर का मैच हुआ। यहां तानाका ने गौरव पर कम पंच मारे लेकिन जितने पंच मारे उनमें से अधिकतर सटीक थे। तीसरे दौर के आखिरी सेकेंड्स में तानाका के दोनों पंच सटीक रहे और वह मुकाबला जीत अगले दौर में पहुंच गए।