2014 में जीती थी गोल्ड
प्रियंका 2014 के एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुकी है। यह चैम्पियनशिप पिछले साल 28 जून से दो जुलाई के बीच खेली गई थी। तब से उन पर अस्थायी प्रतिबंध था। प्रियंका को रियो ओलम्पिक-2016 में चार गुणा 400 मीटर रिले में चुना गया था, लेकिन बाद में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। उनकी जगह अश्विनी अकुनजी को टीम में शामिल किया गया था।
हैदराबाद में फिर दोषी करार
प्रियंका पवार को हैदराबाद में इंटर-स्टेट एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की प्रतियोगिता के दौरान डोप टेस्ट का आरोपी माना गया। जिसके बाद चले जांच में प्रियंका को प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी भी पाया गया था।
नाडा ने सुनाया फैसला
नाम न बताने की शर्त पर सूत्र ने कहा कि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है। नाडा के नियम के अनुसार अगर खिलाड़ी दो बार डोपिंग में पकड़ा जाता है तो उस पर आठ साल से लेकर अजीवन प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है। खिलाड़ी के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक तत्काल प्रभाव से जब्त कर लिए जाते हैं।
2011 में भी असफल रही थी प्रियंका
प्रियंका इससे पहले 2011 में भी डोप टेस्ट में असफल रही थीं। दो साल के प्रतिबंध के बाद वह 2013 में वापस आई थीं। उन्हें राष्ट्रीय शिविर में भी जगह मिली थी और इंचोन में खेले गए एशियाई खेलों में भी शामिल किया गया था। डोपिंग में दूसरी बार फंसने के बाद अब प्रियंका का करियर लगातार समाप्त ही माना जा रहा है। शायद ही वह वापसी कर सकें।