सेमीफाइनल में खराब अंपायरिंग की वजह से मिली थी हार
इससे पहले खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में बजंरग को खराब अंपायरिंग की वजह से हार मिली थी। मैच खत्म होने पर मुकाबला 9-9 से बराबरी पर रहने के बाद भी अंपायरों ने विपक्षी खिलाड़ी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद बजरंग पुनिया के गुरु और ओलंपिक पदक जीत चुके योगेश्वर दत्त समेत भारतीय प्रशंसकों ने भी इस पर अपना गुस्सा जाहिर किया था।
कांस्य पदक मुकाबले में भी अंत तक पीछे चल रहे थे पुनिया
शुक्रवार को खेले गए कांस्य पदक मुकाबले में भी बंजरग पीछे चल रहे थे। प्रतिद्वंद्वी ओचिर ने उन्हें बाहर ढकेल कर पहले दो अंक लिए और फिर चेस्ट थ्रो के जरिए चार अंक हासिल कर बजरंग पर 6-0 की बड़ी बढ़त ले ली थी। इसके बावजूद बजरंग ने आस नहीं छोड़ी। पहले दो अंक लेकर बढ़त कम कर 6-2 किया। इसके बाद लगातार छह अंक बटोर कर 8-6 की बढ़त ले ली। लेकिन मंगोलिया के खिलाड़ी ने इसके बावजूद हार नहीं मानी और एक अंक लेकर अंतर 8-7 पहुंचा दिया, लेकिन अंत तक बजंरग ने अपनी बढ़त बरकरार रखी और कांस्य पदक पर अपना नाम लिखा लिया।
बजरंग का विश्व कप में तीसरा पदक
बता दें कि बजंरग का विश्व चैम्पियशिप में यह तीसरा पदक है। 2013 में भी उन्होंने कांस्य जीता था, लेकिन तब वह 60 किलोग्राम भारवर्ग में खेले थे। इसके बाद 65 किलोग्राम भारवर्ग में पिछले साल उन्होंने अपने नाम रजत पदक किया था।