हॉकी इंडिया ने गुरबाज को 9 महीनों के लिए निलंबित किया
गुरबाज को
निलंबित करने का फैसला सोमवार को हरबिंदर सिंह और कोच जूड फेलिक्स के नेतृत्व में
हुई हॉकी इंडिया (एचआई) की अनुशासन समिति की बैठक में लिया गया
नई दिल्ली। इंडिया हॉकी के वरिष्ठ खिलाड़ी गुरबाज सिंह को टीम में गुटबाजी और असंगति को बढ़ावा देने के आरोप में 9 महीनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस फैसले के चलते वह संभवत: अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक्स मे नहीं खेल पाएं।
गुरबाज को निलंबित करने का फैसला सोमवार को हरबिंदर सिंह और कोच जूड फेलिक्स के नेतृत्व में हुई हॉकी इंडिया (एचआई) की अनुशासन समिति की बैठक में लिया गया। फेलि क्स ने बेल्जियम के एंटवर्प में खेले गए हॉकी वल्र्ड लीग के सेमीफाइनल के बाद पिछले महीने सौंपी अपनी रिपोर्ट में गुरबाज पर गुटबाजी और असंगति को बढ़ावा देने का आरोप गलाया था।
अनुशासन समिति में हरबिंदर के अलावा पूर्व खिलाड़ी आर पी सिंह, ए बी सुब्बया और जस्जीत हांडा शामिल थे। हालांकि, गुरबाज अपने निलंबन के खिलाफ एक महीने के अंदर एचआई की अपीलीय ट्राइब्यूनल में अपील कर सकते हैं।
फैसले के बाद हरबिंदर ने कहा कि गुरबाज के बढ़ते खराब आचरण के चलते उन्हें सबक सिखाना जरूरी था। उसे आज (सोमवार) से नौ महीनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि वह 9 मई 2016 तक भारत के लिए नहीं खेल पाएगा।
हरबिंदर ने कहा कि यह कड़ा फैसला कोच फेलिक्स की रिपोर्ट के बाद लिया गया जिसमें गुरबाज की अनुशासनहीन हरकतों के बारे में बताया गया था। समिति की बैठक में फेलिक्स और गुरबाज दोनों ही मौजूद थे। बैठक में गुरबाज को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि गुरबाज इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है। फेलिक्स ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि गुरबाज कोच के साथ सहयोग नहीं करता था और उसे टीम के दूत के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता।
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