अंत तक गोल्ड और सिल्वर पर बने रहे थे भारतीय शूटर
प्रतियोगिता के पहले स्टेज में जीतू 150.1 अंको के साथ पहले स्थान पर थे वहीं मिथारवाल 147.1 अंको के साथ तीसरे स्थान पर थे।एलिमिनेटर के खत्म होने तक राय अपनी जगह पर बने रहे लेकिन मिथारवाल सिल्वर मेडल पर आ गए जहां उनके साथ 6 और खिलाड़ी प्रतियोगिता में बने हुए थे। जब चार शूटर बचे थे, तब राय और मिथारवाल पहले और दूसरे नंबर पर क्रमशः 177.7 और 176.2 अंको के साथ थे। मिथारवाल ऑस्ट्रेलिया के केरी बेल से 2 अंको की बढ़त लिए हुए थे जोकि तीसरे स्थान पर थे। जब मात्र तीन खिलाड़ी बचे हुए थे जिसमे ऑस्ट्रेलिया के बेल ने शानदार वापसी करते हुए 10.2 और 9.8 के निशानों के मिथारवाल को ब्रॉन्ज मेडल पर धकेल दिया। गोल्ड मेडल मैच के लिए अब राय और बेल में मुकाबला होना था, जिसमे कि बेल ने दो 9.8 और 10.2 के ख़राब शॉट खेलकर जीतू राय के मुकाबले में गोल्ड मेडल गंवा दिया।
भारतीय सैनिक हैं जीतू राय
राय इससे पहले ग्लासगो में हुए 2014 कामनवेल्थ खेलों में भी 50 मीटर एयर पिस्टल प्रशयोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुकें हैं, लेकिन तब वह 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में जगह बनाने से चूक गए थे।वह कामनवेल्थ खेलों के 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में पहली बार हिस्सा ले रहे थे। इसी प्रतियोगिता में जीतू राय रिओ ओलंपिक्स के फाइनल में प्रवेश करने में कामयाब रहे थे लेकिन मेडल से चूक गए थे। राय नेपाल के निवासी हैं लेकिन वह भारतीय फौज की गोरखा राइफल्स बटालियन में नायब सूबेदार की पोस्ट पर हैं।
वर्ल्ड कप से सीख लेते हुए मिथारवाल ने जीता पदक
23 साल के मिठारवाल अपने पहले कामनवेल्थ खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने क्वालिफिकेशन राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए कामनवेल्थ रिकॉर्ड के साथ पहले स्थान पर रहे थे। वो फाइनल में दूसरे नंबर पर जगह बनाने वाले रॉजर डेनियल से 12 पॉइंट आगे रहे थे। इस साल मेक्सिको की राजधानी में हुए ISSF वर्ल्ड कप में वो चौथे स्थान पर रहे थे।