रियो में मेरे सारे सपनों पर पानी फिर गया था
रियो ओलिंपिक में भारतीय निशानेबाजों का प्रदर्शन काफी खराब रहा। जीतू पुरुषों की 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में क्वालिफाई करने में नाकाम रहे। इसके अलावा, उन्हें 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में आठवां स्थान हासिल हुआ। जीतू ने अपने एक बयान में कहा, “रियो में मेरे सारे सपनों पर पानी फिर गया था, लेकिन मैंने इस सफलता को पीछे छोड़ने के लिए काफी मेहनत की। मेरी तैयारियां अच्छी रही हैं और राष्ट्रमंडल खेलों के प्रशिक्षण शिविर में सभी निशानेबाज अच्छा कर रहे हैं।” बकौल जीतू, “मैंने कई तकनीकी खामियों पर काम किया है। मेरा मानना है कि इससे मुझे आस्ट्रेलिया में अच्छे प्रदर्शन में मदद मिलेगी।”
हर निशानेबाज की अपनी अलग तकनीक होती है
उन्होंने कहा, “मैं अपनी मानसिक स्थिति पर अच्छा काम कर रहा हूं और साथ ही शारीरिक क्षमता और स्थिति पर भी ध्यान दे रहा हूं। मेरा लक्ष्य निश्चित रूप से स्वर्ण पदक जीतना है और मैं आश्वस्त हूं कि मैं गोल्ड कोस्ट में पदक जीतूंगी।” जीतू ने 2014 में ग्लास्गो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। अपनी तकनीकी में कमी के कारण भारतीय सेना में कार्यरत जीतू ने कहा, “हर निशानेबाज की अपनी अलग तकनीक होती है। कोई 15 सेकेंड बाद निशाना मारता है और कुछ बाद में निशाना लगाते हैं। मेरी अपनी एक अलग तकनीक है और लय है, जो मेरे लिए महत्वपूर्ण है।”
50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण और 10 मीटर एयर पिस्टल टीम में कांस्य पदक जीत चुके हैं
साल 2014 में हुए एशियाई खेलों में पुरुषों की 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण और 10 मीटर एयर पिस्टल टीम में कांस्य पदक जीतने वाले जीतू हालांकि, हाल में आई मीडिया रिपोर्टों से चिंतित हैं। इन रिपोर्टों में कहा गया है कि वर्ष 2022 राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी की स्पर्धा को हटाया जा सकता है। इस पर जीतू ने कहा, “हां, यह भारत के लिए बड़ा नुकसान होगा, क्योंकि निशानेबाजी हमारे देश में उन खेलों में से एक है, जिसमें हमने पदक जीते हैं। मैं निजी तौर इस बदलाव से निराश हूं।”
भारत के 30 वर्षीय निशानेबाज जीतू ने इस पर अधिक चिंतित न रहते हुए आशावादी रहने पर अधिक तवज्जो दी है। उन्होंने कहा कि इस खेल को स्थायी रूप से नहीं हटाया जाएगा और अगले संस्करण में इसकी वापसी हो सकती है। यह देखा गया है कि निशानेबाजी वैकल्पिक श्रेणी में बना रहेगा। पूर्व भारतीय निशानेबाज जसपाल राणा ने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों का भारतीय खिलाड़ियों द्वारा पूरी तरह से बहिष्कार करने का सुझाव दिया था। ऐसे में राणा के सुझाव पर सहमति होने के बारे में पूछे जाने पर जीतू ने कहा, “मेरा मानना है कि भारत द्वारा एक खेल का बहिष्कार किया जाना सही नहीं है और वह भी सिर्फ इस तर्ज पर कि इसमें निशानेबाजी शामिल नहीं है।” अगर निशानेबाजी को राष्ट्रमंडल खेलों के हटा दिया गया, तो यह भारत के लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने अब तक कुल 118 पदक जीते हैं, जिसमें 56 स्वर्ण पदक शामिल हैं।