अब देखने वाली बात यह है कि क्या विंगाडा ब्लास्टर्स को जीत की पटरी पर ला पाते हैं या नहीं क्योंकि यह टीम 11 मैचों से जीत का स्वाद नहीं चख पाई है। सीजन के पहले ही मैच में उसने एटीके को उसी के घर में हराकर शानदार आगाज किया था लेकिन इसके बाद उसे जीत नसीब नहीं हुई है। विंगाडा की देखरेख में ब्लास्टर्स नए सिरे से शुरुआत करना चाहेंगे। वे न केवल परिणाम के लिहाज से बल्कि स्टाइल में भी नए बदलाव चाहेंगे। ब्लास्टर्स के अटैक में कल्पना की कमी दिखी थी और अब जबकि नया कोच आ चुका है, एसे में ब्लास्टर्स के प्रशंसक बदलाव की उम्मीद में होंगे।
उल्लेखनीय है कि ब्लास्टर्स घर में खेलते हुए अब तक एक मैच में भी क्लीन शीट नहीं हासिल कर सके हैं। उसके लिए अच्छी बात यह है कि वह तरोताजा होकर एक ऐसी टीम से भिड़ रही है, जिसे उसने इस सीजन में हराया है। ब्रेक के बाद ब्लास्टर्स दो नए खिलाड़ियों-बाओरिंगडाओ बोडो और नूंगडाम्बा नाओरेम के साथ मैदान पर उतरेगी। ये युवा विंगर केरल की आक्रमणपंक्ति में पंख लगाने का काम करेंगे। इस बीच, हारीचरण नारजारे और सीके विनीत लोन पर आधारित करार पर चेन्नयन एफसी रवाना हो चुके हैं।
संदेश झिंगन ब्लास्टर्स की डिफेंस में अहम किरदार होंगे। झिंगन पर अतिरिक्त जिम्मेदारी होगी क्योंकि एटीके के स्टार कालू उचे लौट आए हैं और एदु गार्सिया के आने से टीम काफी मजबूत हुई है। एटीके के लिए अनस एडाथोडिका की चोट चिंता की बात हो सकती है। यह देखने वाली बात होगी कि एशियन कप के दौरान चोटिल हुए अनस इस मैच में खेल पाते हैं या नहीं।
एटीके के हाथ में भी छह मैच हैं और इन्हें जीतकर वह प्लेआफ में जाना चाहेगी। छह में से तीन मैच एसी टीमों के खिलाफ हैं, जो अभी तालिका में एटीके से ऊपर हैं। एसे में केरल के साथ होने वाला यह मुकाबला एटीके के लिए काफी अहम है क्योंकि इससे तीन अंक लेकर एटीके खुद को पांचवें स्थान पर पहुंचा सकता है। ट्रांसफर विंडो में एटीके काफी सक्रिय रहा था। गार्सिया को उसने अपने साथ जोड़ा। गार्सिया पहले बेंगलुरू एफसी के लिए खेला करते थे और इसके बाद वह चीन चले गए। अब उनके आने से एटीके के मिडफील्ड में क्रिएटिविटी बढ़ी है और फिर उचे के आने से भी यह टीम अपने अटैक पर फोकस कर पाएगी।