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बड़ी उपलब्धि : दिल्ली के रिक्शा चालक का बेटा, उसैन बोल्ट के क्लब में सीखेगा एथेलटिक्स के गुर

दिल्ली के आजादपुर में रहने वाले निसार खान का चयन उसैन बोल्ट के क्लब में प्रशिक्षण पाने वाले युवा एथलीटों के दल में कर लिया गया है।

Jan 02, 2018 / 06:50 pm

Prabhanshu Ranjan

nasir

नई दिल्ली। “मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है” मशहूर शायर अमे एस. भेंडे की ये पंक्तियां दिल्ली की आजादपुर झुग्गी में रहने वाले निसार खान पर सटीक बैठती है। आजादपुर के बड़ा बाग झुग्गी में रहने वाला नासिर खान अब दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एथलीट उसेन बोल्ट के होम क्लब रेसर ट्रैक में ट्रेनिंग लेगे। मामूली परिवार से ताल्लुक रखने वाले निसार खान का यहां तक सफर बेहद मुश्किलों में बीता है। नासिर के पिता ननकू अहमद रिक्शा चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करते है। रहने के लिए ननकू के परिवार के पास आजादपुर के बड़ा बाग में रेलवे ट्रैक की बस्ती के दस बाई दस का कमरा है। जिसमें ननकू अपने माता-पिता और बहन रहते है। तंगहाली के इन हालातों को पार करते हुए निसार खान दिल्ली स्टेट एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 100 व 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल कर सुर्खियों में आए। अब बोल्ट के होम क्लब में जाने वाले निसार पर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाने की चुनौती होगी।

देश के 14 युवा एथलीटों को मिला है ये मौका
निसार खान भारत के उभरते हुए एथलीटों की फेहरिस्त में शुमार किए जाते हैं। कम उम्र में निसार ने जो उपलब्धियां हासिल की है, वह हर उदीयमान स्पोर्टसमैन का सपना होता है। नासिर के साथ-साथ भारत के 14 और युवा एथलीटों को बोल्ट के क्लब में प्रशिक्षण का मौका मिला है। बता दें कि इन एथलीटों का चयन गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया और स्पोर्ट्स मैनजमेंट कंपनी आंगलियन मेडल हंट की साझेदारी से किया गया है। इसमें केरल, तमिलनाडु, उत्तराखंड, ओडिशा और दिल्ली के 15-18 की आयुसीमा के एथलीटों का चयन किया गया। इसके बाद किंग्सटन क्लब ने इन सभी की क्षमता और प्रतिभा का आकलन करने के बाद चार सप्ताह के प्रशिक्षण की सहमति दे दी।

औसतन सात हजार रुपये है परिवारिक आय
निसार के रिक्शाचालक पिता ननकू के पैर में 20 साल से परेशानी है। इसके बावजूद वो रिक्शा चलाते हैं। मां को भी चलने-फिरने की समस्या है। निसार की दो बहने भी हैं। जिसमें एक की शादी हो चुकी है। रिक्शा चलाकर ननकू हर महीने औसतन सात हजार रुपये कमा लेते हैं। जिससे परिवार का भरण-पोषण करने के साथ-साथ एथलीट बेटे की हर जरूरत पूरी करते है।

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