राजस्थान पत्रिका ने बारिश के दिनों में जब यहां पर हालात बहुत विकट हुए। प्रशासन और एनएचएआई की कान पर जूं तक नहीं रेंग रही थी तब अभियान पूर्वक सिणधरी चौराहे की आवाज को उठाया। हजारों लोगों की पीड़ा को सामने लाने के साथ ही 15 अगस्त को यहां जनसहयोग से सड़क पर कंकरीट बिछाकर चलने लायक बनाया गया। प्रशासनिक संवेदनहीनता को उजागर किया।
बीते दिनों स्कूटी चालक एक कांस्टेबल की दुर्घटना के बाद उसका मामला तक दर्ज नहीं करने और यहां सुरक्षा इंतजाम नहीं होने पर पत्रिका ने इस मुद्दे केा उठाते हुए महिलाओं से सीधे बात की। महिलाओं ने गुस्सा जाहिर किया कि यहां से गुजरना तक संभव नहीं है। इसके बाद पुलिस ने यहां व्यवस्था शुरू की।
जनवरी माह तक पुल तैयार होने का वादा पूरा नहीं हुआ और एक साईड से तैयार पुल पर भी यातायात शुरू नहीं किया तो पत्रिका ने 2 फरवरी के अंक में यह स्थिति सामने लाई कि एक साईड से पुल तैयार है तो इसका यातायात शुरू किया जा सकता है। इसके बाद दूसरे दिन ही एक साईड से पुल तैयार कर लिया गया है।
फरवरी माह तक भी काम की मंथर गति को उजागर किया गया और सवाल खड़ा किया गया कि बार-बार वादे करने के बावजूद काम क्यों नहीं हो रहा है? इसके बाद काम में गति लाई गई और अब यह ओवरब्रिज लगभग बनकर तैयार हो गया है। अंतिम टच में रंग रोगन का कार्य किया जा रहा है। जो आने वाले हफ्तेभर में पूर्ण हो जाएगा।