नए कोच को अहम टूर्नामेंटों के लिए पर्याप्त समय
हाई परफॉरमेंस डायरेक्टर डेविड जॉन ही ओल्टमेंस की जगह नई नियुक्ति होने तक चीफ कोच का अंतरिम प्रभार संभालेंगे। हॉकी इंडिया का यह फैसला लेने का कारण 2018 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और विश्व कप तथा 2020 के टोक्यो ओलंपिक हैं। इन महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों के लिए नए कोच को तैयारी का पर्याप्त समय मिल पाएगा। हालांकि हॉकी इंडिया की कमेटी ने टीम के ओवरऑल फिटनेस स्तर में सुधार लाने के लिए ओल्टमेंस की भूमिका की सराहना भी की। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि टीम का प्रदर्शन निरंतर नहीं था और वांछित स्तर के अनुरूप भी नहीं था।
तीन दिन तक चली बैठक में 24 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिसमें हरबिंदर सिंह, बीपी गोविंदा, वी. भास्करन, थोइबा सिंह, डॉ एबी सुब्बैया, डॉ. आरपी सिंह, जॉयदीप कौर, सरदार सिंह, पीआर श्रीजेश, मनप्रीत ङ्क्षसह, रोलेंट ओल्टमैन्स, जुगराज सिंह, अर्जुन हलप्पा, हंस स्ट्रीडर, स्कॉट कॉनवे, डेविड जॉन, एलेना नॉर्मन, मरियम्मा कोशी, मोहम्मद मुश्ताक अहमद, राजिंदर सिंह, तपन दास, भोला नाथ सिंह, फिरोज अंसारी और ज्ञानेन्द्रो निन्गोमबम शामिल थे।
कुछ खिलाड़ी भी निकलेंगे बाहर
हाई परफॉरमेंस निदेशक और हॉकी इंडिया की चयन समिति को कहा गया है कि वह सभी सीनियर कोर संभावितों का पूरी तरह आकलन करे और उन पर अपनी रिपोर्ट दे ताकि यह देखा जा सके कि इनमें से किन्हें हटाकर युवा खिलाडिय़ों को जगह दी जा सकती है। भारतीय पुरुष टीम को सफलता के पथ पर आगे ले जाने के लिए नया विजन ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सभी समिति सदस्यों से विचार लिए गए।
अच्छे परिणाम के लिए कड़े फैसले जरूरी
चयन समिति के अध्यक्ष हरबिंदर सिंह ने कहा, समिति इस बात से एकमत थी कि टीम का 2016 और 2017 में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था और एशिया के प्रदर्शन को अब सफलता का मापदंड नहीं माना जा सकता। हमें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में परिणाम देने होंगे, जहां पिछले दो वर्षों में हमें इक्का-दुक्का कामयाबी ही मिली है। हरङ्क्षबदर ने कहा, अच्छे परिणाम लाने के लिए हमें कड़े फैसले लेने होंगे ताकि भारतीय हॉकी का भविष्य बेहतर बनाया जा सके। कोङ्क्षचग का मौजूदा फॉर्मेट एक स्तर से आगे परिणाम नहीं दे पा रहा था। समिति का सर्वसम्मति से यह मानना था तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। परिवर्तन हमेशा सहज नहीं होता है, लेकिन यह जरूरी होता है। यदि हमें 2018 के टूर्नामेंटों के लिए प्रबल दावेदार बनाना है तो ये परिवर्तन करने होंगे।