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नई दिल्ली

लाखों के भवन बन रहे खंडहर

अनदेखी…सरकारी भवन देखरेख व मरम्मत के अभाव में उपयोग में आने से पूर्व ही खण्डहर बनते जा रहे है।

नई दिल्लीOct 11, 2016 / 10:43 am

अनुश्री जोशी

Ruins

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महाजन क्षेत्र के गांवों में ग्राम पंचायत व अन्य सरकारी संस्थाओं द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत लाखों की लागत से बनवाए गए सरकारी भवन देखरेख व मरम्मत के अभाव में उपयोग में आने से पूर्व ही खण्डहर बनते जा रहे है। 
ग्रामीणों उपयोग के लिए बने यह भवन अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे है। कस्बे के पशु चिकित्सालय का भवन विभागीय उदासीनता का शिकार बना हुआ है। 

भवन जहां जर्जर अवस्था में है वहीं आवासीय क्वार्टर खण्डहर बन चुके है। जिनमें कर्मचारियों का रहना सम्भव नहीं है। 
पशु चिकित्सालय परिसर में करीब सात वर्ष पूर्व बने नए भवन में अमानक सामग्री का उपयोग होने से यह उपयोग में आने से पूर्व ही क्षतिग्रस्त बन रहा है।

 करीब तीन दशक पूर्व तक रेलवे के लिए पानी की आपूर्ति करने वाला पॉवर हाऊस भी विभागीय उदासीनता का शिकार बन रहा है। 
परिसर पर नाजायज कब्जे बढ़ रहे है। विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत 1992 में कस्बे में 20 लाख की लागत से विद्यालय के लिए बनी इमारत भी उद्घाटन का इंतजार करते-करते जर्जर बन गई।
 समीपवर्ती सुई में ग्राम पंचायत द्वारा 1987-88 में बना धर्मशाला भवन भी गिर चुका है जिससे मोहल्ले के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। 

कस्बे की कादर कॉलोनी, रामबाग के वार्ड संख्या दस सहित अन्य कई गांवों में राजीव गांधी पाठशालाओं के लिए लाखों की लागत से बने भवन भी विद्यालय मर्ज होने से नकारा पड़े है। 

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