इंडोनेशिया। आठ साल के मार्टूनिस ने सोचा भी नहीं था कि लाखों जिंदगियां छीनने वाली सुनामी से उसकी किस्मत भी बदल सकती है। 11 साल बाद अब यही लड़का पुर्तगाल के उस प्रतिष्ठित क्लब स्पोर्टिग लिस्बन से खेलेगा, जिसमें कभी क्रिस्टियानो रोनाल्डो, लुइस फीगो जैसे स्टार खेला करते थे। हिम्मत और जज्बा तो इस युवा में था ही, लेकिन सुनामी ने भी उसके सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाई।
रोनाल्डो का दत्तक पुत्र
मार्टूनिस खुद को रोनाल्डो का दत्तक पुत्र मानता है। रोनाल्डो का भी इस बच्चे से खासा लगाव रहा और वह इससे मिलने के लिए खासतौर पर इंडोनेशिया आए। वह कहते भी हैं कि मार्टूनिस कोई साधारण बच्चा नहीं है। वह अपनी हिम्मत के दम पर ही मौत के मुंह से वापस लौटा है जबकि बड़े लोग भी यह नहीं कर पाते। हमें इसका सम्मान करना चाहिए। वह बेहद खास बच्चा है।
टी.शर्ट ने मिलाया
क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने टीवी पर पुर्तगाल की टी-शर्ट पहने इस बच्चे को देखा और उसकी मदद करने का फैसला किया। रोनाल्डो ने उसकी पढ़ाई पर होने वाले खर्च को उठाया और उनकी राष्ट्रीय टीम ने मार्टूनिस का घर बनाने में मदद की।
21 दिन भूखा भटकता रहा
25 दिसंबर 2004 को वह अपने पंसदीदा फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के देश पुर्तगाल की टीशर्ट पहने दोस्तों के साथ फुटबॉल खेल रहा था, तभी सुनामी अपने साथ सब कुछ बहा ले गई। उसकी मां और भाइयों की मौत हो गई। 21 दिन तक वह सूखे नूडल्स खाकर और गंदा पानी पीकर जिंदा रहा। जब उसे अस्पताल लाया गया तो डॉक्टरों ने भी कह दिया था कि अगर एक दिन और देरी हो जाती, तो वह जिंदा नहीं बचता। बाद में मार्टूनिस अपने पिता से मिलने में जरूर कामयाब रहे।
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