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कोरोना से जूझ रहे Pakistan पर मंडरा रहा एक और बड़ा संकट, भारी तबाही की आशंका

-दुनिया के तमाम देशों को कोरोना ( Coronavirus ) ने जकड़ रखा है। पाकिस्तान ( Pakistan ) में भी कोरोना का कहर जारी है।-अब तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख को पार कर चुकी है। जबकि, 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार बढ़ते आंकड़ों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( PM Imran Khan ) की चिंता बढ़ा दी है। -लेकिन, कोरोना ( Covid-19 Virus ) के अलावा एक और बड़े संकट ने पाकिस्तान को घेर रखा है, जिसकी वजह लगातार पिघल रहे ग्लेशियर( Glaciers ) हैं।

नई दिल्लीJun 11, 2020 / 03:01 pm

Naveen

coronavirus in Pakistan million at risk melting glaciers may floods

कोरोना से जूझ रहे Pakistan पर मंडरा रहा एक और बड़ा संकट, भारी तबाही की आशंका

नई दिल्ली।
दुनिया के तमाम देशों को कोरोना ( coronavirus ) ने जकड़ रखा है। पाकिस्तान ( Pakistan ) में भी कोरोना का कहर जारी है। अब तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख को पार कर चुकी है। जबकि, 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार बढ़ते आंकड़ों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( PM Imran Khan ) की चिंता बढ़ा दी है। लेकिन, कोरोना ( COVID-19 virus ) के अलावा एक और बड़े संकट ने पाकिस्तान को घेर रखा है, जिसकी वजह लगातार पिघल रहे ग्लेशियर( Glaciers ) हैं। बता दें कि यहां ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। जिसके चलते कई इलाकों में बाढ़ ( Flood ) का खतरा मंडराने लगा है और इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।

निचले इलाकों में बढ़ने लगा जलस्तर
पाकिस्तान के हुन्जा जिले के कई गांवों में बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। गांव हसानाबाद के लोगों ने बताया कि घर के नजदीकी बह रही नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया है। बता दें कि इस नदी में शिशपेर ग्लेशियर से पानी आता है। लोगों का कहना है कि पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसकी वजह से घरों के तीन मीटर नजदीक पानी आ गया। पानी के बहाव के साथ आए पत्थरों की वजह से फसलें चौपट होने लगी हैं।

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गर्मी में तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर
बता दें कि जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, ग्लेशियर तेजी से पिघलते जा रहे हैं। जून से सितंबर तक का समय बेहद ही खतरनाक होगा, क्योंकि इस दौरान गर्मी के चलते बर्फ तेजी से पिघलेंगी। बता दें कि 2018 तक करीब 3 हजार झीलें बन चुकी हैं। जिनमें से 33 को खतरनाक माना गया है। यूएनडीपी के अनुसार, निचले इलाके में रहने वाले करीब 70 लाख लोगों की जीवन खतरे में आ गया है।

बंद हुई परियोजना
रायटर के मुताबिक, बाढ़ बचने के लिए एक वार्निंग सिस्टम की परियोजना भी शुरू की गई थी। लेकिन, उस परियोजना पर कोई काम नहीं हो रहा। पिछली साल बनाई गई दीवार भी टूट गई। हालांकि, इस प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय निदेशक अयाज जुदात का कहना है कि समस्याएं का हल निकाल लिया गया हैं और जून तक स्टाफ की नियुक्ति भी हो जाएगी।

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