मीडिया से बात करते हुए मार्शल ने कहा कि पाकिस्तान के पास आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए महत्वपूर्ण काम था, लेकिन 2018 में सहमत एक कार्य योजना के संबंध में पाकिस्तान कार्य करने में सफल नहीं रहा है।
मार्शल ने आगे कहा कि पाकिस्तान 2019 में जनवरी, फिर फरवरी और बाद में मई तक दिए गए समय में भी कोई कार्रवाई नहीं की। आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए FATF की और से तय किए गए 27शर्तों को पूरा करने में पाकिस्तान असफल रहा है। इतने लंबे समय में केवल 2 शर्तों को पूरा किया है।
पाकिस्तान को अक्टूबर तक मिला समय
FATF ( financial action task force ) के अध्यक्ष मार्शल बिलिंग्सल ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवादियों व आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कुछ और समय दिया गया है। पाकिस्तान यदि सितंबर-अक्टूबर तक FATF की शर्तों के अनुसार कार्रवाई नहीं करता है तो कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
23 जून को पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ( Qamar Javed Bajwa ) ने अपने एक बयान में दावा किया था कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा प्रयास किया है। उसकी धरती से होने वाले हर आतंकी गतिविधि को खत्म कर दिया गया है।
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बाजवा ने कहा था कि इस्लामाबाद स्थायी शांति और स्थिरता प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा था कि हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं, शांति और समृद्धि के दुश्मनों का सफाया करने के लिए सभी उपलब्ध स्रोतों का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन यह तथ्य है कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता क्षेत्र में संघर्ष और विवादों के समाधान पर निर्भर करती है।
बता दें कि मौजूदा समय में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में शामिल है। यदि पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट में चला जाता है तो आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए और भी मुश्किलें खड़ी हो जाएगी। पाकिस्तान को वैश्विक संगठनों से आर्थिक मदद मिलनी बंद हो जाएगी जिससे पाक के हालात और भी खराब हो सकते हैं।
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