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पाकिस्तान

अफगानिस्‍तान : अमरीकी ड्रोन हमले में तहरीक-ए-तालिबान के 20 आतंकी मारे गए

इस हमले में टीटीपी प्रमुख फैजुल्‍ला का बेटा अब्‍दुल्‍ला और एक सीनियर कमांडर यासीन के भी मारे जाने की भी चर्चा है।

नई दिल्लीMar 08, 2018 / 04:40 pm

Mazkoor

drone strike
इस्‍लामाबाद : एक तरफ तो अफगानिस्‍तान सरकार बातचीत के जरिये तालिबानों को मुख्‍यधारा में लाने की बात कर रही है, वहीं बुधवार को पूर्वी कुनार प्रांत में अमरीकी ने ड्रोन हमला कर तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकियों को निशाना बनाया। इस हमले में 20 आतंकी और उनके प्रशिक्षक मारे गए। इसका दावा पाकिस्‍तान की एक वेबसाइट पर किया गया है। खबर के मुताबिक, टीटीपी प्रमुख फैजुल्‍ला का बेटा अब्‍दुल्‍ला भी मरने वालों में शामिल हो सकता है। इसके अलावा टीटीपी के एक सीनियर कमांडर यासीन के भी मारे जाने की चर्चा है।
तालिबान सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि प्रतिबंधित टीटीपी के आतंकी पाक सीमा से सटे कुनार के पर्वतीय शल्‍टन क्षेत्र में प्रशिक्षिण शिविर चला रहे थे। अमरीकी ड्रोन ने कथित तौर पर शिविर पर पांच मिसाइल दागे, जहां आतंकी नियमित प्रशिक्षण के लिए मौजूद थे। सूत्रों ने हमले को टीटीपी के लिए विनाशकारी बताया है, क्‍योंकि आतंकी संगठन ने अपने कई अहम सदस्‍यों को खो दिया। बताया जाता है कि एक महीने से भी कम समय में यह दूसरा ड्रोन हमला है।
अफगानी राष्‍ट्रपति तालिबानियों को मुख्‍यधारा में लाने का कर रहे हैं प्रयास
दूसरी तरफ पिछले महीने के अंत में अफगानी राष्ट्रपति ने 16 साल से चल रहे गृहयुद्ध को समाप्‍त करने के उद्देश्‍य से यह घोषणा की थी कि वह तालिबानियों से शांति वार्ता के लिए तैयार हैं और इसके लिए कई तरह के राहत देने को भी तैयार हैं। इसके लिए उन्‍होंने कैदियों की रिहाई, संविधान की समीक्षा और दोबारा आम चुनाव कराने की भी पेशकश कर रखी है। हालांकि तालिबानियों की तरफ से इसका कोई सकारात्‍मक जवाब नहीं आया है। अफगानिस्‍तान ने तालिबान के कैदियों की रिहाई, आतंकियों को मुख्‍यधारा में शामिल कर फिर से चुनाव कराने व संवैधानिक समीक्षा का ऐलान किया।
कई अहम घोषणाएं की
तालिबान के राष्‍ट्रपति ने कहा था कि शांति समझौते को बढ़ाने की पेशकश वह बिना किसी पूर्व शर्तों के कर रहे हैं। उम्मीद है कि तालिबान इस पर जल्‍द ही सकारात्‍मक प्रतिक्रिया देगा। गनी ने यह भी कहा कि वार्ता के लिए तालिबान काबुल या किसी दूसरी जगह पर अपना राजनीतिक दफ्तर भी खोल सकता है।
पहले तालिबान को मानते थे आतंकी
अफगान राष्ट्रपति का यह बयान उनके बदले रुख को दिखाता है। इससे पहले वे तालिबान को लगातार आतंकवादी और विद्रोही कहा करते थे।

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