उन्होंने संसद में बोलते हुए कहा कि अमरीका ( America ) के नेतृत्व में कभी भी पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ युद्ध में हिस्सा नहीं लेना चाहिए था। अमरीका पर हमला करते हुए इमरान खान ने कहा कि अमरीकी सुरक्षा बलों ने बिना पूर्व सूचना के इस्लामाबाद ( Islamabad ) में घुसकर लादेन को मार डाला। इसके बाद पूरी दुनिया में लोग पाकिस्तान को गाली देने लगे और देश को शर्मिंदा होना पड़ा।
अमरीका: प्रदर्शनी के जरिए दिखाया जा रहा है लादेन के मारे जाने की कहानी, अब पता चल रही है ये नई बातें
अमेरिका पर हमला करते हुए, खान ने कहा कि अमरीकी बलों ( American forces ) ने पाकिस्तान में प्रवेश किया और इस्लामाबाद को बताए बिना लादेन को मार डाला, जिसके बाद दुनिया में सभी ने पाकिस्तान को गाली देना शुरू कर दिया, जिससे देश को शर्मिंदा होना पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि आतंक के खिलाफ अमरीका के युद्ध में 70 हजार पाकिस्तानी जवान मारे गए हैं।
बता दें कि इमरान खान के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर वे ट्रोल होने लगे। यूजर्स ने आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शहीद बताने पर गुस्से का इजहार किया।
ऑपरेशन नेपच्यून स्पीयर ( Operation Neptune Spear )
आपको बता दें कि अमरीका ने ऑपरेशन नेपच्यून स्पीयर ( Operation Neptune Spear ) के तहत सैन्य विशेष अभियान चलाते हुए 2 मई, 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद ( Pakistan’s Abbottabad ) में आतंकी लादेन को मार गिराया था। तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने निर्देश पर संयुक्त इंटेलिजेंस ऑपरेशंस कमांड ( Joint Special Operations Command ) की एक टीम ने केंद्रीय खुफिया एजेंसी ( CIA ) के अधिकारियों के समर्थन से इसे अंजाम दिया था।
बताया जाता है कि अमरीका ने लादेन को मारने के बाद उसके शव को समुद्र में दफन कर दिया गया। ISI के महानिदेशक अहमद शुजा पाशा को एबटाबाद में लादेन की मौजूदगी का पता था। पाकिस्तान में लादेन की मौजूदगी को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हुए, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि उन्हें लादेन के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
लादेन को मारने वाले कमांडो की हत्या करवाना चाहती है महिला आतंकी
हालांकि, 2014 में न्यूयॉर्क टाइम्स पत्रिका में ब्रिटिश पत्रकार कार्लोटा गैल ने एक लेख में बताया था कि ISI के महानिदेशक अहमद शुजा पाशा को एबटाबाद में लादेन की उपस्थिति के बारे में पता था। ओसामा की मौत के बाद पाकिस्तान में कट्टरपंथी इस्लामवादी काफी नाराज हुए और अमरीका के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।