रणछोड़ पूना में नौकरी करता है। लॉकडाउन के बाद वह गांव आ गया। अनलॉक में उसने रोजगार तलाशा। सोमनाथ फैक्ट्री में वह मजदूरी करने लगा। बॉयलर हादसे में उसकी जान चली गई। शव के चिथड़े हो गए। घटना के बाद फैक्ट्री प्रबंधन किसी भी श्रमिक के हताहत और गायब होने की बात को नकारता रहा। श्रमिक घर नहीं लौटा तो परिजनों ने तलाश की। परिजन उसे तलाशते हुए सुबह फैक्ट्री पहुंचे। तब श्रमिक की तलाश की गई। उसका शव बॉयलर के मलबे में दबा हुआ मिला। मृतक का शव गंभीर रूप से झुलस गया था। हादसे में 8 मोटरसाइकिल भी दब गई। मोटरसाइकिल भी इतनी क्षतिग्रस्त हो गई कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया। इधर, हादसे के बाद ऐहतियात के तौर पर घटनास्थल पुलिस और आरएसी के जवान तैनात किए गए।
सोमनाथ इकाई में फटा बॉयलर विभाग की अनुमति से नहीं लगा हुआ था। विभाग के अधिकारी ओपी सारण का कहना है कि बिना पंजीयन बॉयलर संचालित किया जा रहा था। हालांकि, फैक्ट्री मालिक ने विभाग को यह जानकारी दी कि यह मिनी बॉयलर था जिसके पंजीयन की आवश्यकता नहीं होती है। फैक्ट्री एवं बॉयलर्स विभाग ने फैक्ट्री मालिक के बयान लिए हैं तथा बॉलयर बनाने वाली कंपनी की ड्राइंग का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।