इसे लेकर तेरापंथ सभा भवन में साध्वी कनकरेखा ने बताया कि एकाग्रता से जो धारण किया जाता है वह अवधान है। अवधान व्यक्ति कोई नई दिशा प्रदान करता है। अवधान ऋषियों की देन है। जो मस्तिष्क का अधिक से अधिक उपयोग करना सीखाता है। उनका कहना था कि हर व्यक्ति में असीम ज्ञान व स्मृति है, लेकिन सामान्य मनुष्य उसका महज पांच प्रतिशत ही उपयोग कर पाता है। जो ज्ञानी होते हैं वे भी दस प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ते, लेकिन अवधान से आपकी स्मृति व एकाग्रता बढ़ती है। यह शरीर की सुप्त शक्तियों को जागृत करती है। आचार्य तुलसी व आचार्य महाप्रज्ञ के काल में कई लोगों ने अवधान का ज्ञान प्राप्त किया है। इस दौरान साध्वी गुणप्रेक्षा, साध्वी सम्वर विभा, साध्वी केवल प्रभा, महावीर सालेचा, बसंत सोनी मंडिया के साथ कई लोग मौजूद थे।
जन्म तिथि से बता दिया वार
साध्वी ने तेरापंथ भवन में मौजूद लोगों से पहले उम्र कागज पर लिखने को कहा। जब एक जने ने उम्र लिखी तो उन्होंने गणना कर उसकी जन्म तिथि व वार तक बता दिया। नौ अंकों की संख्या एक बार बताने के बाद कई उल्टी व सीधी बताने के साथ ही बीच के अक्षर भी एक क्षण में बता दिए।
यह होंगे अतिथि
अवधान कार्यक्रम चन्द्रादेवी, भीमराज, अरविन्द कुमार व नमन खाटेड़ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसके मुख्य अतिथि विधायक ज्ञानचंद पारख होंगे। अध्यक्षता नगर परिषद सभापति महेन्द्र बोहरा करेंगे। विशिष्ट अतिथि जिला कलक्टर दिनेशचंद जैन व अमित समदडिय़ा होंगे।