व्यवस्थापक राणाराम भील ने बताया कि वैसे तो यहां थोड़े बहुत प्रयास से वन्यजीव दिखने लग जाते थे, लेकिन जबसे लॉकडाउन होने से दुकानें बंद हो गई एवं आम लोगों का आना-जाना बंद हुआ, तब से प्रतिदिन रात को पैंथर एवं भालुओं का झुंड यहां पहुंच जाता है। कम से कम एक-दो घंटे तक यहां धमाल करते हैं। मन्दिर के नियमित साधक नगराज शर्मा ने बताया कि वे प्रतिदिन सादड़ी से परशुराम महादेव कुंडधाम पर सेवा पूजा के लिए पहुंचते है, जहां रास्ते में उनको पैंथर, हाइना एवं भालू आसानी से दिख जाते हैं, जो की पहले इस तरह सडक़ पर कम दिखाई देते थे।
साथ ही परशुराम महादेव पर तो उन्होंने दिन में ही भालुओं का झुंड देखा। उन्होंने अपने मोबाइल से उनका वीडियो भी बनाया। भालू वीडियो बनाते देख भी नहीं डर रहे थे और न ही वहां पर मौजूद पालतु कुत्तों के भौंकने का भी उन पर कोई असर पड़ रहा था। वे आराम से वहां बेखौफ होकर घूम रहे थे।