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फेफड़ों में कैंसर का पता लगाने अब कहीं नहीं भटकना पड़ेगा, पाली में होगा उपचार

-बांगड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहुंची ब्रॉम्कोस्कॉपी मशीन-निजी के बजाय 100 गुना कम राशि में हो सकेगी जांच

पालीFeb 28, 2021 / 10:17 am

Suresh Hemnani

फेफड़ों में कैंसर का पता लगाने अब कहीं नहीं भटकना पड़ेगा, पाली में होगा उपचार

फेफड़ों में कैंसर का पता लगाने अब कहीं नहीं भटकना पड़ेगा, पाली में होगा उपचार

पाली। कोरोना महामारी के समय फेफड़े प्रभावित हुए। टीबी, निमोनिया व खांसी आदि में भी फेफड़ों की जांच जरूरी है। फेफड़ों में कैंसर होने पर जान पर बन आती है, लेकिन अभी तक पाली में ऐसी कोई सुविधा नहीं थी कि फेफड़ों में कैंसर या गंभीर बीमारी का पता लगाया जा सके।
अब बांगड़ मेडिकल कॉलेज में ब्रॉम्कोस्कॉपी मशीन आई है। जिसके माध्यम से फेफड़ों में कैंसर व बीमारियों का पता कर समय पर उपचार किया जा सकेगा। पाली से हर माह फेफड़ों के कैंसर से ग्रसित करीब पांच से सात मरीज जोधपुर व उदयपुर जाते थे। जिनको अब पाली में ही जांच व उपचार मिलेगा। इंतजार सिर्फ मशीन पर लगे कागज के बॉक्स को हटाकर उसे शुरू करने की है। जिसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मार्च माह तय किया है।
फेफड़ों में नली डालकर करते जांच
इस मशीन के माध्यम से फेफड़ों में नाक से नली डालकर जांच की जाती है। इसके अलावा फेफड़ों से एक टूकड़ा लेकर भी जांच की जाती है। चेस्ट विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण सोनी ने बताया कि मशीन को शुरू करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसके माध्मय से कई फेफड़ों के रोगियों को लाभ होगा।
10 हजार रुपए तक करते हैं जांच
ब्रॉम्कोस्कोपी मशीन करीब 20 से 25 लाख रुपए की आती है। इसकी जांच निजी लैब में छह हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक होती है। सरकारी अस्पताल में ब्रॉम्कोस्कॉपी मशीन से जांच महज 500 रुपए में हो सकेगी। इसके अलावा सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले कई लोगों की जांच मुफ्त भी की जाएगी।
कोरोना के कारण नहीं कर सके थे शुरू
ब्रॉम्कोस्कॉपी मशीन आने के बावजूद हम कोरोना के कारण उसे शुरू नहीं कर सके थे। इस मशीन को मार्च में शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद फेफड़ों के कैंसर के साथ फेफड़ों से जुड़े अन्य रोगों के मरीजों का उपचार भी आसानी से हो सकेगा। –डॉ. केसी अग्रवाल, प्रिंसिपल, राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, पालीॉ
ब्राम्कोस्कॉपी से इनकी हो सकेगी जांच
-फेफड़े का कैंसर
-टीबी की बीमारी, जो एक्सरे या अन्य जांच में सामने नहीं आती है।
-निमोनिया
-फिमोफेसिस (खांसी में खून आने के कारण का पता लगाने में)

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