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पाली

कोरोना ‘काळ’ : खुशियों को फिर लगा ग्रहण, व्यापार हो रहा चौपट

-विवाह समारोह से जुड़े व्यवसायियों का खत्म हो गया व्यापार-पिछले साल भी साल के सबसे बड़े सावे में नहीं हुई थी कमाई

पालीMay 09, 2021 / 01:02 pm

Suresh Hemnani

कोरोना ‘काळ’ : खुशियों को फिर लगा ग्रहण, व्यापार हो रहा चौपट

कोरोना ‘काळ’ : खुशियों को फिर लगा ग्रहण, व्यापार हो रहा चौपट

पाली। कोरोना काळ के पिछले साल दस्तक देने के बाद इस बार अप्रेल में विकराल रूप धरने से कई लोगों के घरों की खुशियों को ग्रहण लग गया। लोगों को मजबूरी में विवाहोत्सव व सामाजिक आयोजन रद्द करने पड़े। वहीं इससे जुड़े व्यवसायियों की लगातार दूसरे साल कमाई नहीं हुई। अब उनके सामने साल भर परिवार व श्रमिकों का खर्च निकालना एक चुनौती बन गया है। बैण्ड वादकों, टेण्ट व्यवसायियों, हलवाई व कैटरिंग का कार्य करने वालों की माने तो अक्षय तृतीया व इसके बाद 22 मई के आगे तक जिले में 2000-2500 सावे थे। जो रद्द कर दिए गए है या उनमें मेहमानों की संख्या आठ दस रह गई है। ऐसे में उनको एडवांस लौटाने के साथ कार्य करने के लिए बुलाए गए श्रमिकों का खर्च भी उठाना पड़ रहा है।
पड़ गई दोहरी मार
पिछले साल लॉकडाउन लगने के कारण विवाह समारोह नहीं हुए थे। व्यवसायियों ने उस समय अतिरिक्त बैण्ड वादक, श्रमिक व कारीगर नहीं बुलवाए थे। इस बार बुकिंग होने के बाद व्यवसायियों ने अतिरिक्त लोगों को कार्य पर बुला दिया। वे आ भी गए और इसके बाद पहले 50, उसके बाद 31 आदमी व अब विवाह पर रोक के कारण उनको दोहरा नुकसान हो गया। व्यवसायियों को अब अपने घर से राशि लेकर चुकानी पड़ रही है।
आदमी बुलाए, उनको देनी ही होगी राशि
अक्षय तृतीया व उसके बाद के बम्पर सावे के लिए आदमी बुलाए थे। जिले में कम से कम 2000 तक सावे रद्द हो गए है। अब जिन लोगों को बुलाया था, उनको तो तय राशि देनी होगी। आयोजक भी अगली तारीख पर राशि समायोजित करने के बजाय वापस मांग रहे है। उनको भी एडवांस वापस दे रहे है। कोरोना से आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
अजीज कोहिनूर, प्रदेश प्रवक्ता, ऑल राजस्थान ब्रास बैण्ड सोसायटी राजस्थान बैण्ड एसोसिएशन
बुकिंग 500 की थी, भोजन बनाया 50 का
सावों में हमने जिन जगहों पर 500 लोगों के खाने को लेकर हलवाई और कैटरिंग की बुकिंग की थी। वहां खाना महज 50 या 31 लोगों का बना। ऐसे में एडवांस में ली गई अधिक राशि आयोजकों को वापस देनी पड़ी। जो किराणे का सामान खरीदा था वह भी हमारे गोदामों में ही रह गया। –सोहनसिंह, कैटरिंग व हलवाई व्यवसायी
राशि लौटा रहे, कार्य नहीं कर सके
पिछले साल कोरोना के कारण काफी नुकसान हुआ था। इस बार भी कोरोना के कारण जिले में कम से कम 2000 से 2500 बुकिंग रद्द हो गई। आयोजकों को अब उनका एडवांस वापस लौटा रहे हैं। हमने अतिरिक्त श्रमिकों को बुलाया था। उनको भी भुगतान करना पड़ रहा है। हम महामारी में सरकार के निर्णय के साथ है। –कांतिलाल धोका, टेण्ट व डेकोरेशन व्यवसायी

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