पिछले साल लॉकडाउन लगने के कारण विवाह समारोह नहीं हुए थे। व्यवसायियों ने उस समय अतिरिक्त बैण्ड वादक, श्रमिक व कारीगर नहीं बुलवाए थे। इस बार बुकिंग होने के बाद व्यवसायियों ने अतिरिक्त लोगों को कार्य पर बुला दिया। वे आ भी गए और इसके बाद पहले 50, उसके बाद 31 आदमी व अब विवाह पर रोक के कारण उनको दोहरा नुकसान हो गया। व्यवसायियों को अब अपने घर से राशि लेकर चुकानी पड़ रही है।
अक्षय तृतीया व उसके बाद के बम्पर सावे के लिए आदमी बुलाए थे। जिले में कम से कम 2000 तक सावे रद्द हो गए है। अब जिन लोगों को बुलाया था, उनको तो तय राशि देनी होगी। आयोजक भी अगली तारीख पर राशि समायोजित करने के बजाय वापस मांग रहे है। उनको भी एडवांस वापस दे रहे है। कोरोना से आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
–अजीज कोहिनूर, प्रदेश प्रवक्ता, ऑल राजस्थान ब्रास बैण्ड सोसायटी राजस्थान बैण्ड एसोसिएशन
सावों में हमने जिन जगहों पर 500 लोगों के खाने को लेकर हलवाई और कैटरिंग की बुकिंग की थी। वहां खाना महज 50 या 31 लोगों का बना। ऐसे में एडवांस में ली गई अधिक राशि आयोजकों को वापस देनी पड़ी। जो किराणे का सामान खरीदा था वह भी हमारे गोदामों में ही रह गया। –सोहनसिंह, कैटरिंग व हलवाई व्यवसायी
पिछले साल कोरोना के कारण काफी नुकसान हुआ था। इस बार भी कोरोना के कारण जिले में कम से कम 2000 से 2500 बुकिंग रद्द हो गई। आयोजकों को अब उनका एडवांस वापस लौटा रहे हैं। हमने अतिरिक्त श्रमिकों को बुलाया था। उनको भी भुगतान करना पड़ रहा है। हम महामारी में सरकार के निर्णय के साथ है। –कांतिलाल धोका, टेण्ट व डेकोरेशन व्यवसायी