दल में शामिल पौध संरक्षण निदेशालय के संयुक्त निदेशक डॉ. जेपी सिंह, एफसीआई के डीजीएम अनिल ढिल्लन व ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहायक आयुक्त मोतीराम ने बुधवार को धमाणा, धमाणा का गोलिया, डेडवा, पालड़ी सोलंकियान व सिद्धेश्वर सहित टिड्डी प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। केंद्रीय दल ने ग्रामीणों से व्यक्तिश: रूबरू होकर फसल खराबे का आंकलन कर इससे निपटने के लिए अब तक किए गए प्रयासों की जानकारी ली।
मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग
ग्रामीणों ने केंद्रीय दल से प्रति हेक्टेयर मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की। किसानों ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से देय प्रति हेक्टेयर मुआवजा राशि से कहीं अधिक बुवाई की लागत आई है। सरकार दो हेक्टेयर तक मुआवजा दे रही है, जबकि जिले में जोत का आकार बड़ा है।
ग्रामीणों ने केंद्रीय दल से प्रति हेक्टेयर मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की। किसानों ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से देय प्रति हेक्टेयर मुआवजा राशि से कहीं अधिक बुवाई की लागत आई है। सरकार दो हेक्टेयर तक मुआवजा दे रही है, जबकि जिले में जोत का आकार बड़ा है।
इसलिए केंद्र सरकार को मुआवजा राशि के मानक भी बदलने होंगे। किसान केसाराम व रतनाराम ने पीड़ा व्यक्त की कि फसल बर्बाद होने से किसान सदमे में हैं। दानाराम चौधरी ने कहा कि किसान आत्म हत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं। किसानों ने बिजली बिल माफ करने की भी मांग की। केन्द्रीय दल ने किसानों को टिड्डी से बचाव के उपाए भी बताए।