शादियों के सीजन में चूड़ी कारोबार परवान पर रहता है। चूड़ी व्यापारियों के मुताबिक इस बार शादियों की सीजन में मंदी का माहौल है। चूड़ी पर लगने वाले नगीना (स्टोन) का आयात चीन से होता है। कोरोना वायरस फैलते ही चीन से भारत में नगीने का आयात बंद हो गया। दिल्ली, मुम्बई और मद्रास जैसे बड़े शहरों के होलसेल व्यापारियों ने स्टॉक में रखे नगीने के दाम डेढ़ गुना बढ़ा दिए। ऊंचे दाम में चूडिय़ां बनाना व्यापारियों के लिए मुश्किल हो गया। इससे चूड़ी का उत्पादन आधा रह गया है। चूड़ी व्यापारी अब सामान्य स्थिति होने तक का इंतजार कर रहे हैं।
अधिकांशतया पाली में चूड़ी बनाने का काम घरों में होता है। महिलाएं भी बड़ी संख्या में जुड़ी हुई है। नगीने के दाम बढऩे और आयात नहीं होने से श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। चूड़ी की कटिंग, फिनिश्ंिाग और नगीना लगाने के काम में ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग जुड़े हुए हैं। आमतौर एक महिला प्रतिदिन दो सौ रुपए कमा लेती थी। अब सौ रुपए भी बुश्किल मिल रहे हैं। हैदर कॉलोनी में चूड़ी पर नगिना लगाने का काम करने वाली साहिजा का कहना है कि उनके सामने घर चलाने का संकट खड़ा हो गया है।
चीन की महामारी का असर चूड़ी उद्योग पर पड़ा है। चूड़ी की सजावट में काम आने वाला नगीना चीन से आना बंद हो गया। होलसेल व्यापारियों ने स्टॉक में रखे माल का दाम डेढ़ गुना बढ़ा दिए। ऐसे में उत्पादन पर भी जबरदस्त असर पड़ा है। –रज्जा अली, चूड़ी व्यापारी
चूड़ी उद्योग हजारों लोगों के रोजगार का जरिया है। चीन में फैली बीमारी के बाद से उद्योग में मंदी आई हुई है। श्रमिकों को पूरा काम और दाम नहीं मिल रहा। –मोहम्मद असलम, चूड़ी व्यापारी