गीता की ओर से लिखा गया सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। इसमें उसने बेहद भावुकतापूर्ण भाषा का प्रयोग किया था। उसने पुलिस थाने में प्रताडऩा की बात बताते हुए लिखा था कि वह जिंदगी जीना चाहती है, लेकिन वे उसे जीने नहीं देंगे। उसने लिखा कि भाई, मां, पिताजी, इंदू, भगवती, सरला, प्रिय भानु, विष्णु, रोहित, इश्वर, मेरे सबसे प्यारी भांजी परीयांशु सबसे हाथ जोडकऱ क्षमा मांगती हूं। अब में नहीं जी सकती। मुझे फालतू में परेशान करते हैं। सांचौर थाने में बैठे थानाधिकारी व थाने में बैठने वाली महिला कांस्टेबल केलम से परेशान हूं। यह मुझे जीने नहीं देंगे। मां मुझे माफ करना। सॉरी पापा मुझे माफ करना। मैं जीना चाहती हूं, किंतु मुझे जीने नहीं देंगे।
मृतका के भाई रामनिवास ने रिपोर्ट दी है, जिसमें सांचौर डीएसपी ओमप्रकाश उज्ज्वल, थानाप्रभारी पुष्पेन्द्र वर्मा, हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश व महिला कांस्टेबल केलम बिश्नोई के साथ मिलकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव देने व मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मृतका के परिजनों से समझाइश का प्रयास किया। इस दौरान वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे व मृतका के परिजनों से मिलकर निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
होली पर शहर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर थाने में कार्यरत पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी, इस दौरान गीता को भी दिन की ड्यूटी दी गई थी। ड्यूटी खत्म होने के बाद जब गीता थाने पहुंची तो डीएसपी उज्ज्वल ने ड्यूटी को लेकर सवाल-जबाब किए। वहीं ड्यूटी से नदारद होने की बात को लेकर बहस हो गई। इस दौरान डीएसपी ने सीआइ को बुलाकर गीता को नाइट ड्यूटी देने को कहा। इस पर गीता अपना पक्ष रखते हुए पुलिस थाने के पीछे बने सरकारी क्र्वाटर में चली गई। जहां डीएसपी को कॉल करके फंदे पर झूल गई।
ग्रामीणों से शव उठाने की समझाइश की थी, लेकिन वे डिप्टी व सीआइ के निलम्बन की मांग कर रहे हैं जो मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। आचार संहिता के कारण चुनाव आयोग से अनुमति के बाद ही कार्रवाई संभव है। हमने उच्चाधिकारियों को लिख दिया है। ग्रामीणों की मांग पर मामले की जांच सीबी-सीआइडी से करवाने को विभाग तैयार है। – केशरसिंह शेखावत, एसपी, जालोर