जानकारों की माने तो मार्च क्लोजिंग के अंतिम दिन पुराने शराब ठेकेदार अपने शराब का स्टॉक खत्म करना चाह रहे थे। इसमें सबसे अधिक आफत देशी शराब की थी। इधर, इस माह लोकसभा चुनाव भी है, आचार संहिता भी लग चुकी है। इस स्थिति में शराब तस्करों ने पुराने ठेकेदारों से करीब छह सौ रुपए कर्टन की दर से देशी शराब खरीद ली। इसका भारी स्टॉक तस्करों ने कर लिया है। यह खेप अब चुनाव में काम आ सकती है।
पाली शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र के मंडिया रोड, बीपीएल कॉलोनी, रामदेव रोड, नया बस स्टैण्ड, बजरंग बाड़ी, खोडिय़ा बालाजी, पंचम नगर, हैदर कॉलोनी, मस्तान बाबा, रामलीला मैदान, औद्योगिक थाना क्षेत्र के मिल चाली, भटवाड़ा, सोसायटी नगर, अम्बेडकर नगर, राजेन्द्र नगर, मिलगेट, ट्रांसपोर्ट नगर के नया गांव व हाइवे के सुमेरपुर से सेंदड़ा तक फोरलेन पर तस्करों ने शराब बिक्री के अवैध ठिकाने बना रखे हैं।
निष्पक्ष चुनाव करवाना चुनाव आयोग की बड़ी जिम्मेदारी है। किसी भी तरह से मतदाता प्रभावित न हो इसके लिए आयोग ने पुलिस को अवैध शराब बिक्री रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं। लेकिन पाली पुलिस इस दिशा में सुस्त दिख रही है। एक दिन पूर्व कोतवाली पुलिस ने बजरंगबाड़ी से देशी शराब का स्टॉक जब्त कर कार्रवाई की थी, इसमें यह सामने आया था कि तस्करों ने सस्ते में स्टॉक शुरू कर दिया है।
चुनाव से पहले तस्करों पर लगाम कसने, शराब तस्करों द्वारा स्टॉक करने व पाली में अवैध शराब की बिक्री को लेकर पाली पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन, कोई जवाब नहीं मिल पाया।