यह लिखा सुसाइड नोट में
कुएं के निकट पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला उसमें लिखा है कि ‘कर्जा हो गया है इसलिए नारायण जी के बेरे में कूद रहा हूं। मेरे भाईयों, बीवी, बच्चों को परेशान नहीं किया जाए। सभी को सलाम।Ó
कुएं के निकट पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला उसमें लिखा है कि ‘कर्जा हो गया है इसलिए नारायण जी के बेरे में कूद रहा हूं। मेरे भाईयों, बीवी, बच्चों को परेशान नहीं किया जाए। सभी को सलाम।Ó
परिजनों का आरोप कर्जदारों की धमकी से दी जान
परिजनों ने आरोप लगाया कि अब्दुल ने महिलाओं के समूह से करीब 60 हजार रुपए का ऋण ले रखा था। दो दिन पहले एक एक मैनेजर व समूह की कुछ महिलाएं आई और उन्होंने धमकी दी कि दो दिन में ऋण नहीं चुकाया तो जेल भिजवा देंगे, मकान बिकवा देंगे। इससे परेशान होकर उसने अपनी जान दे दी।
परिजनों ने आरोप लगाया कि अब्दुल ने महिलाओं के समूह से करीब 60 हजार रुपए का ऋण ले रखा था। दो दिन पहले एक एक मैनेजर व समूह की कुछ महिलाएं आई और उन्होंने धमकी दी कि दो दिन में ऋण नहीं चुकाया तो जेल भिजवा देंगे, मकान बिकवा देंगे। इससे परेशान होकर उसने अपनी जान दे दी।
पिछले कुछ माह से था बेरोजगार
अब्दुल फोल्डिंग का कार्य करता था। फेक्ट्रियां बंद होने वह पिछले कुछ माह से बेरोजगार था। पिछले कुछ समय से बीमार भी हो गया था। ऐसे में घर खर्च चलाने में दिक्कत होने पर बीवी रहीसा बानो को बेटे शाहरूख (10) व ईपू (07) के साथ करीब डेढ़ माह पूर्व पीहर नार्रलाई भेज दिया। शुक्रवार को घटना की जानकारी मिलते ही उनकी पत्नी भी पाली पहुंची। जिसका रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था।
अब्दुल फोल्डिंग का कार्य करता था। फेक्ट्रियां बंद होने वह पिछले कुछ माह से बेरोजगार था। पिछले कुछ समय से बीमार भी हो गया था। ऐसे में घर खर्च चलाने में दिक्कत होने पर बीवी रहीसा बानो को बेटे शाहरूख (10) व ईपू (07) के साथ करीब डेढ़ माह पूर्व पीहर नार्रलाई भेज दिया। शुक्रवार को घटना की जानकारी मिलते ही उनकी पत्नी भी पाली पहुंची। जिसका रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था।
बैंक से रुपए मिलते तो मदद करता
बड़े भाई अब्दुल ने कर्जदारों द्वारा धमकी दे7ने की बात बताते हुए मदद मांगी थी। जिस पर मैं अपने एकांउट से बैंक रुपए निकालने गया लेकिन काफी देर लाइन में खड़ा रहने के बाद भी महज दो हजार रुपए मिले। मदद करता तो कैसे। मुझे किया पता था कि भाईसाहब ऐसा कदम उठाएंगे।
– यासीन, महात्मा गांधी कॉलोनी
बड़े भाई अब्दुल ने कर्जदारों द्वारा धमकी दे7ने की बात बताते हुए मदद मांगी थी। जिस पर मैं अपने एकांउट से बैंक रुपए निकालने गया लेकिन काफी देर लाइन में खड़ा रहने के बाद भी महज दो हजार रुपए मिले। मदद करता तो कैसे। मुझे किया पता था कि भाईसाहब ऐसा कदम उठाएंगे।
– यासीन, महात्मा गांधी कॉलोनी