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पाली

नतमस्तक पुलिस, टीम तो बनाई पर एक भी सूदखोर-सट्टेबाज नहीं पकड़ पाए

ऊंची ब्याज दर पर कर्ज देकर युवा पीढ़ी को धकेल रहे सट्टे में आइपीएल में बर्बाद हो रहे हैं युवाफिर भी पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई?

पालीMar 31, 2019 / 04:27 pm

Om Prakash Tailor

crime news pali

नतमस्तक पुलिस, टीम तो बनाई पर एक भी सूदखोर-सट्टेबाज नहीं पकड़ पाए

पाली। पाली पुलिस सूदखोरो के आगे नतमस्तक हैं। सूदखोर ऊंची ब्याज दर पर युवाओं को कर्ज देकर सट्टा व जुआ के अवैध धंधे में धकेल रहे हैं। इसे वसूलने के लिए उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर तक कर रहे हैं, लेकिन पाली पुलिस मौन है। पुलिस ने दिखावटी रूप से एक विशेष टीम भी बनाई। लेकिन, एक भी सूदखोर नहीं पकड़ा। हालात यह है कि शहर सहित जिले में आइपीएल क्रिकेट लीग में रोजाना करोड़ों रुपए का सट्टा लग रहा है, पुलिस को इसकी जानकारी भी है। बावजूद इसके एक भी क्रिकेट सट्टेबाज व सूदखोर को पुलिस पकड़ नहीं पाई है। अब तो शहरवासी पुलिस पर क्रिकेट सट्टेबाजों व सूदखोरों से मिलीभगत का आरोप भी लगाने लगे हैं।
10 से 35 प्रतिशत तक का ब्याज
शहर में सूदखोरों का गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह युवाओं को 10 से 35 प्रतिशत तक महंगे ब्याज पर रुपए उधार देता है। युवा अनजान व दिखावे में इनके चंगुल में फंस जाते हैं। आलम यह रहता है कि ब्याज सहित मूल रकम चुकाने में कई युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बदमाश प्रवृत्ति के इन सूदखोरों की धमकियों से परेशान होकर कई युवा आत्महत्या कर लेते हैं तो कई युवा शहर छोडक़र भागने पर मजबूर है। बदमाश प्रवृत्ति के लोग उनके घर पर जाकर महिलाओं से अभद्र व्यवहार तक करते है।
शिकायत मिली है, कुंडली बना रहे
शहर में चल रहे सूदखोरी के अवैध धंधे की जानकारी है। इसको लेकर टीम भी गठित की है। जो अवैध रूप से सूदखोरी का काम करने वालों की कुंडली बना रही है। पीडि़त सीधे मुझे शिकायत कर सकते हैं।
आनंद शर्मा,
पुलिस अधीक्षक, पाली
केस एक
एसपी व पत्रिका के पास लिखित शिकायत
पाली एसपी व पत्रिका के पास एक गुमनाम परिवाद हाल ही पहुंचा है। इसमें आधा दर्जन से अधिक लोगों के नाम व नम्बर है। इसमें इन सभी को सूदखोर बताया हुआ है और ये लोग किन-किन को परेशान कर रहे हैं, इसका उल्लेख है। फिलहाल पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। पीडि़त लोग अब मदद की गुहार कर रहे हैं। केस दो
पुलिस ने नहीं सुनी
औद्योगिक थाना क्षेत्र निवासी एक युवा को नशे की लत लग गई। वह अपने शौक (नशा, महंगी बाइक, पार्टियों) के चलते सूदखोरों के संपर्क में आया। उन्होंने उसे ऊंची ब्याज दर पर रुपए दे दिए। मूल रकम से भी ज्यादा उसने ब्याज राशि चुका दी, लेकिन मूल अभी भी देना बाकी था। परेशान होकर युवक की मां ने मकान को बैंक में गिरवी रखा और बेटे का काफी कुछ कर्ज चुकाया, लेकिन कुछ कर्जदार आज भी उन्हें परेशान करने से घर आ धमकते है। तीन-चार दिन पूर्व ही नशे में एक युवक उनके घर रुपए मांगने पहुंचा। महिलाओं के साथ अभद्रता की। महिला ने औद्योगिक थाने व कंट्रोल रूम पर फोनकर अपनी पीड़ा बताई, लेकिन पुलिस ने ठोस कार्रवाई नहीं की।
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