सीएमएचओ डॉ. आर.पी. मिर्धा ने बताया कि जनवरी से लेकर अभी तक डेंगू के 52 व मलेरिया के 141 मरीज सामने आए है। यह तो सरकारी आंकड़े है प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच में सामने आए डेंगू-मलेरिया के रोगी इसमें शामिल नहीं है। जिला
कलक्टर ने भी जताई थी नाराजगीगत दिनों आयोजित जिलास्तरी बैठक
में जिला कलक्टर ने जिले में फैल रहे डेंगू-मलेरिया को लेकर
नाराजगी जताई थी। उन्होंने सीएमएचओ व पीएमओ को स त निर्देश
दिए कि वे इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए। इसके साथ ही
नगर परिषद अधिकारियों को भी शहर क्षेत्र में प्रभावी रूप से
फोगिंग करने एवं जमा पानी में मच्छर न पनपे इसके लिए दवा डालने
के स त निर्देश दिए। बांगड़ में दो रोगी ओर हुए भर्ती बांगड़
अस्पताल में मंगलवार को भाटूंड गांव के दो रोगी भर्ती हुए। जांच
में उन्हें डेंगू होने की पुष्टि हुई। जिनका इलाज चल रहा
है। इसके साथ ही संदिग्ध चार-पांच मरीजों की डेंगू-मलेरिया की
जांच के लिए लिखा। जिला कलक्टर की आमजन को जागरूक रहने की
अपीलपाली. जिले में फैल रहे डेंगू को लेकर आमजन को जागरूक
रहने एवं सर्तक रहने की जिला कलक्टर ने अपील की। जिला कलक्टर
दिनेशचन्द जैन ने बताया कि डेंगू बुखार आम मच्छर जनित वायरस बीमारी
है जो संक्रमण से फैलती है। डेंगू बुखार में मरीज को तेज बुखार
आना, बदन टूटना, जोड़ो, हड्डियों व मांसपेशियों में दर्द, शरीर में
घबराहट, त्वचा पर लाल चकते व दाने होना, आंख के पीछे दर्द व थकान
होती है। इस मच्छर के दिन में काटने से डेंगू बुखार होता है। एडीज
मच्छर स्वच्छ, छायादार स्थिर पानी में अण्डे देता है। एडीज मच्छर के
शरीर पर काली व सफेद धारिया होती है। जिला कलक्टर ने आमजन से
अपील की है कि डेंगू बुखार से बचाव के लिए स्थिर पानी के जल स्त्रोतों
को हटाने के साथ ही मच्छर के प्रजनन स्थलों को मिटाया जाए। जूते,
मोजे एवं लंबी आस्तिन के कपड़ें पहने, शरीर को ढक कर रखें।
मच्छर भगाने वाले यंत्र व मच्छरदानी का उपयोग करें। दीवारों के बीच
के स्थान, फूलदान, पुराने टायर, बाल्टियां, गढ्डे, पानी के टैंक,
पालतू जानवरों के बर्तन, छत नाली बगीचे के उपकरण, अनुरक्षित
स्वीमिंगपूल को खाली रखें। इसके साथ ही बर्तनों, खाली बोतलों, ड्रम को
उल्टा करके रखे ताकि उनमें पानी का भराव न हो। घर के आस-पास
बीटी कीटनाशक का उपयोग करें। नालियों व पानी निकासी के स्थानों
पर रसायन का छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि मरीज को बुखार
आने पर निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर चिकित्सक की सलाह के
अनुसार पूरा इलाज कराएं और लोगों में डेंगू से बचाव के संबंध में
जागरूकता पैदा की जाए।
कलक्टर ने भी जताई थी नाराजगीगत दिनों आयोजित जिलास्तरी बैठक
में जिला कलक्टर ने जिले में फैल रहे डेंगू-मलेरिया को लेकर
नाराजगी जताई थी। उन्होंने सीएमएचओ व पीएमओ को स त निर्देश
दिए कि वे इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए। इसके साथ ही
नगर परिषद अधिकारियों को भी शहर क्षेत्र में प्रभावी रूप से
फोगिंग करने एवं जमा पानी में मच्छर न पनपे इसके लिए दवा डालने
के स त निर्देश दिए। बांगड़ में दो रोगी ओर हुए भर्ती बांगड़
अस्पताल में मंगलवार को भाटूंड गांव के दो रोगी भर्ती हुए। जांच
में उन्हें डेंगू होने की पुष्टि हुई। जिनका इलाज चल रहा
है। इसके साथ ही संदिग्ध चार-पांच मरीजों की डेंगू-मलेरिया की
जांच के लिए लिखा। जिला कलक्टर की आमजन को जागरूक रहने की
अपीलपाली. जिले में फैल रहे डेंगू को लेकर आमजन को जागरूक
रहने एवं सर्तक रहने की जिला कलक्टर ने अपील की। जिला कलक्टर
दिनेशचन्द जैन ने बताया कि डेंगू बुखार आम मच्छर जनित वायरस बीमारी
है जो संक्रमण से फैलती है। डेंगू बुखार में मरीज को तेज बुखार
आना, बदन टूटना, जोड़ो, हड्डियों व मांसपेशियों में दर्द, शरीर में
घबराहट, त्वचा पर लाल चकते व दाने होना, आंख के पीछे दर्द व थकान
होती है। इस मच्छर के दिन में काटने से डेंगू बुखार होता है। एडीज
मच्छर स्वच्छ, छायादार स्थिर पानी में अण्डे देता है। एडीज मच्छर के
शरीर पर काली व सफेद धारिया होती है। जिला कलक्टर ने आमजन से
अपील की है कि डेंगू बुखार से बचाव के लिए स्थिर पानी के जल स्त्रोतों
को हटाने के साथ ही मच्छर के प्रजनन स्थलों को मिटाया जाए। जूते,
मोजे एवं लंबी आस्तिन के कपड़ें पहने, शरीर को ढक कर रखें।
मच्छर भगाने वाले यंत्र व मच्छरदानी का उपयोग करें। दीवारों के बीच
के स्थान, फूलदान, पुराने टायर, बाल्टियां, गढ्डे, पानी के टैंक,
पालतू जानवरों के बर्तन, छत नाली बगीचे के उपकरण, अनुरक्षित
स्वीमिंगपूल को खाली रखें। इसके साथ ही बर्तनों, खाली बोतलों, ड्रम को
उल्टा करके रखे ताकि उनमें पानी का भराव न हो। घर के आस-पास
बीटी कीटनाशक का उपयोग करें। नालियों व पानी निकासी के स्थानों
पर रसायन का छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि मरीज को बुखार
आने पर निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर चिकित्सक की सलाह के
अनुसार पूरा इलाज कराएं और लोगों में डेंगू से बचाव के संबंध में
जागरूकता पैदा की जाए।