प्रदेश में बालिका शिक्षा पर अधिक जोर दिया जा रहा है। उसे लेकर साइकिल व स्कूटी सहित कई योजनाएं भी चलाई जा रही है। इसके बावजूद परिणाम उतरना बेहतर नहीं आ रहा है। सारक्षरता के इस अभियान के तहत 15 वर्ष से अधिक के जिन 4.20 लाख लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। उनमें 1.05 लाख पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या तीन गुना अधिक 3.15 लाख है।
पढऩा-लिखना अभियान के तहत 15 वर्ष से अधिक के निरक्षरों को साक्षर करने का जिम्मा महज विद्यार्थियों पर नहीं है। उनके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सेवानिवृत्त कर्मचारी, स्काउट-गाइड, स्वयं सेवी संस्था के सदस्य भी 10-10 निरीक्षरों की कक्षा लेकर उनको पढऩा सिखाएंगे। साक्षर करने वालों को प्रोत्साहन के रूप में प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
प्रदेश में पढऩा-लिखना अभियान के तहत जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण का गठन किया गया है। इसमें जिला कलक्टर को अध्यक्ष, जिला साक्षरता अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। इस अभियान के तहत ग्राम स्तर पर प्रभारी शिक्षकों की भी नियुक्ति की गई है।
निरीक्षरों को साक्षर करने के इस अभियान के तहत वर्ष में तीन बार परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले निरक्षरों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। –जगदीशचंद राठौड़, परियोजना अधिकारी, साक्षरता विभाग, पाली
अभियान के तहत उड़ान पुस्तक (तीन भाग प्रथम से चतुर्थ तक) का हर ब्लॉक में वितरण किया गया है। जिले की 341 ग्राम पंचायत के पीइइओ इस अभियान की देखरेख करेंगे। –प्रवीण त्रिवेदी, सहायक परियोजना अधिकारी, साक्षरता विभाग, पाली