इतने पहुंचे अभ्यर्थी
दस्तावेजों की जांच करवाने के लिए लेवल प्रथम के 28 शिक्षक पहुंचे। लेवल दो के विज्ञान-गणित के 43, सामाजिक विज्ञान के 25, हिन्दी के 7, अंग्रेजी के 8, संस्कृत के 3 और उर्दू के 5 अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांचे गए।
दस्तावेजों की जांच करवाने के लिए लेवल प्रथम के 28 शिक्षक पहुंचे। लेवल दो के विज्ञान-गणित के 43, सामाजिक विज्ञान के 25, हिन्दी के 7, अंग्रेजी के 8, संस्कृत के 3 और उर्दू के 5 अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांचे गए।
पहले तीन बार हुई काउंसलिंग
वर्ष 2013 में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद कुछ अभ्यर्थियों को उसी वर्ष में नियुक्ति दी गई थी। इसके बाद दो बार काउंसलिंग की गई। इसमें भी कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई। इसके बावजूद कुछ पद रिक्त रह गए या कुछ अभ्यर्थी नहीं पहुंचे। इस कारण अब फिर रिजर्व अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच गए है।
वर्ष 2013 में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद कुछ अभ्यर्थियों को उसी वर्ष में नियुक्ति दी गई थी। इसके बाद दो बार काउंसलिंग की गई। इसमें भी कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई। इसके बावजूद कुछ पद रिक्त रह गए या कुछ अभ्यर्थी नहीं पहुंचे। इस कारण अब फिर रिजर्व अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच गए है।
विरोध जताने कलक्ट्रेट के सामने जुटे जिलेभर के चिकित्सक पाली. अखिल राजस्थान राज्य सेवारत चिकित्सक संघ के बैनर तले सोमवार को जिले के सभी सरकारी डॉक्टरों ने जिला मुख्यालय पर अपना विरोध जताया। चिकित्सक दोपहर 1 बजे जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. एसएन स्वर्णकार ने बताया कि सेवारत डॉक्टर लम्बे समय से अपनी 33 मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैें। लेकिन, सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। इस मौके पर संघ के महासचिव डॉ. अविनाश चारण, संरक्षक डॉ. एमएस राजपुरोहित, डॉ. एसएस शेखावत, डॉ. अशोक सर्राफ, डॉ. राजेंद्र पुनमिया, डॉ. विरेंद्र चौधरी, डॉ. कुलदीपसिंह, डॉ. एचएम चौधरी, डॉ. दलजीतसिंह, डॉ. रविंद्रपालसिंह, डॉ. ललित शर्मा, डॉ. रफीक कुरैशी, डॉ. अनिरुद्ध शर्मा सहित कई डॉक्टर मौजूद थे।