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चाइना पर भारी पड़ा घरेलू बाजार

चाइना नहीं, इस राखी कलाई पर सजेगी गुजरात व मुम्बई की कारीगरी
गुजरात, पश्चिमी बंगाल आदि जगह से पहुंच रही राखियां

पालीJul 29, 2020 / 07:33 pm

Rajeev

चाइना पर भारी पड़ा घरेलू बाजार

चाइना पर भारी पड़ा घरेलू बाजार

पाली. चीन के भारतीय सीमा में दखल करने का असर इस बार बाजार पर भी साफ नजर आ रहा है। इस राखी पर व्यापारियों ने चाइना से राखी बनाने का कच्चा माल व तैयार राखियां नहीं मंगवाई है। व्यापारियों ने मुम्बई, सूरत व कोलकाता से राखियां व कच्चा माल मंगवाया है। व्यापारियों के अनुसार चाइना का माला सस्ता आता था, लेकिन इस बार भारतीय बाजार में तैयार माल की बिक्री होने के कारण वह भी लगभग उसी के बराबर भाव में मिल रहा है। ऐसे में राखियों के दाम में भी बड़ा बदलाव नहीं आया है।
बच्चों को भाएगी कार्टून कैरेक्टर की राखियां

बच्चों के राखी की सामग्री चाइना से अधिक आती थी। वह इस बार नहीं आई है। लेकिन भारत के व्यापारियों की ओर से तैयार सामग्री भी इतनी बेहतर है कि वह सभी को पसंद आ रही है। इसमें कार्टून करेक्टर वाली राखियां भी है।
मास्क लगाने का संदेश

बच्चों के लिए इस तरह की राखियां बनाई गई है। जो कोरोना काल में मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का संदेश देने वाली है। बड़ों को इस बार मोळी वाली राखी अधिक पसंद आ रही है। महिलाओं के लिए परम्परागत लटकन आदि वाली राखी अधिक बिक रही है।
अधिक नहीं पड़ा प्रभाव

चाइना से इस बार राखी का कच्चा माल नहीं आया है। इसके बावजूद अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है। भारतीय बाजार में बेहतर कच्चा व कम दाम का माल तैयार किया गया है।
अशोक धोका, राखी विक्रेता

वैरायटी थोड़ी कम हुई

राखी की वैरायटी चाइना से माल नहीं आने के कारण कुछ कम हुई है। इसका प्रभाव ग्राहकी पर अधिक नहीं पड़ा है। भारत की राखियां भी नई डिजाइन की है। जो लोग पसंद कर रहे हैं।
नन्दु भाई अरोड़ा, राखी विक्रेता

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