दरअसल, भाकरीवाला गांव के तालाब-कुएं सूख चुके हैं। विभाग की ओर से 72 घंटे में एक बार सप्लाई की जाती है, जो अपर्याप्त साबित हो रही है। ऐसे में ग्रामीणों को रोहट जलदाय विभाग से 1200 से 1500 रुपए देकर पानी के टैंकर मंगवाकर प्यास बुझानी पड़ रही है।
मवेशियों के लिए सरपंच ने खुदवाया ट्यूबवेल
इतना ही नहीं, मवेशियों के लिए भी पीने के पानी का संकट है। ऐसे में भाकरीवाला सरपंच कनाराम ने अपने स्तर पर टूयबेल खुदवाकर अपने खर्च से एक टैंकर लगवाया है, जो भाकरीवाला ग्राम पंचायत के चारों गांवों में खेलियोंं में पानी की सप्लाई कर रहा है, ताकि मवेशियों का सहारा मिल सके। लेकिन, भाकरीवाला, मंडली, अरटिया व विश्नोई की ढाणी में मवेशियों की संख्या अधिक होने से पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है।
इतना ही नहीं, मवेशियों के लिए भी पीने के पानी का संकट है। ऐसे में भाकरीवाला सरपंच कनाराम ने अपने स्तर पर टूयबेल खुदवाकर अपने खर्च से एक टैंकर लगवाया है, जो भाकरीवाला ग्राम पंचायत के चारों गांवों में खेलियोंं में पानी की सप्लाई कर रहा है, ताकि मवेशियों का सहारा मिल सके। लेकिन, भाकरीवाला, मंडली, अरटिया व विश्नोई की ढाणी में मवेशियों की संख्या अधिक होने से पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है।
खाली पड़े अवाळे
भाकरीवाला गांव में तालाब में बीच ही पानी की खेली का निर्माण करवाया गया है, लेकिन वो सूखी पड़ी है। मवेशी यहां पहुंचते हैं, लेकिन पानी नसीब नहीं हो पाता। पानी के नाम पर लूट
भाकरीवाला गांव में सप्लाई का पानी पर्याप्त नहीं आता है तो ग्रामीणों को अपने स्तर पर टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। ऐसे में टैंकर चालक भी मनमर्जी से पैसे वसूल रहे हैं। आलम ये है कि ग्रामीणों को एक टैंकर के 1200 से 1500 रुपए तक चुकाने पड़ रहे हैं। लेकिन, जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
भाकरीवाला गांव में तालाब में बीच ही पानी की खेली का निर्माण करवाया गया है, लेकिन वो सूखी पड़ी है। मवेशी यहां पहुंचते हैं, लेकिन पानी नसीब नहीं हो पाता। पानी के नाम पर लूट
भाकरीवाला गांव में सप्लाई का पानी पर्याप्त नहीं आता है तो ग्रामीणों को अपने स्तर पर टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। ऐसे में टैंकर चालक भी मनमर्जी से पैसे वसूल रहे हैं। आलम ये है कि ग्रामीणों को एक टैंकर के 1200 से 1500 रुपए तक चुकाने पड़ रहे हैं। लेकिन, जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जलापूर्ति अपर्याप्त
भाकरीवाला गांव में ग्रामीणों के पीने के लिए 72 घंटे में एक बार पानी की सप्लाई होती है, जो पर्याप्त नहीं है। ग्रामीणों को अपने खर्च से टैंकर मंगवाकर प्यास बुझानी पड़ रही है, लेकिन मवेशियों की हालत खराब है। -चामुण्ड सिंह, ग्रामीण, भाकरीवाला
भाकरीवाला गांव में ग्रामीणों के पीने के लिए 72 घंटे में एक बार पानी की सप्लाई होती है, जो पर्याप्त नहीं है। ग्रामीणों को अपने खर्च से टैंकर मंगवाकर प्यास बुझानी पड़ रही है, लेकिन मवेशियों की हालत खराब है। -चामुण्ड सिंह, ग्रामीण, भाकरीवाला
हां, हालात विकट है
भाकरीवाला ग्राम पंचायत के चारों गांव में पानी की बहुत ही अधिक समस्या है। लोग दर-दर भटक रहे हैं। हालांकि, मवेशियों के लिए तो मैंने निजी खर्च पर एक टैंकर लगाया है, जो अवाळों में पानी पहुंचा रहा है। – कानाराम, सरपंच, ग्राम पंचायत, भाकरीवाला
भाकरीवाला ग्राम पंचायत के चारों गांव में पानी की बहुत ही अधिक समस्या है। लोग दर-दर भटक रहे हैं। हालांकि, मवेशियों के लिए तो मैंने निजी खर्च पर एक टैंकर लगाया है, जो अवाळों में पानी पहुंचा रहा है। – कानाराम, सरपंच, ग्राम पंचायत, भाकरीवाला
पानी की कमी
पानी की कमी है। पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। पाली से पांच घंटे सप्लाई बंद रही, जिससे भी समस्या आ रही है। भाकरीवाला में पानी पहुंचा दिया जाएगा। – ममता बेंदा, कनिष्ठ अभियंता, रोहट
पानी की कमी है। पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। पाली से पांच घंटे सप्लाई बंद रही, जिससे भी समस्या आ रही है। भाकरीवाला में पानी पहुंचा दिया जाएगा। – ममता बेंदा, कनिष्ठ अभियंता, रोहट