-लेखाशास्त्र के साहस अध्याय से 12 अंक के प्रश्न आते हैं। यह अध्याय काफी सरल है। इस अध्याय में लेखांकन की तीनों विधियां भी सरल है। साझेदारी परिचय के वस्तुनिष्ठ, अति लघुउत्तरात्मक, लघुउत्तरात्मक प्रश्न तैयार करने चाहिए।
-साझेदारी के प्रवेश अध्याय में से अति लघुउत्तरात्मक व अंकिय प्रश्न हल करने चाहिए।
-कम्पनी वाले अध्याय में से वस्तुनिष्ठ प्रश्न, लघुउत्तरात्मक व अंकिय प्रश्न करने चाहिए।
-ज्यादातर विद्यार्थी 6 अंकों के प्रश्न पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। जबकि परीक्षा में 6 अंक के मात्र तीन सवाल आते हैं। जबकि वस्तुनिष्ठ, अति लघुउत्तरात्मक व लघुउत्तरात्मक प्रश्न करीब 62 अंक के होते हैं। ऐसे में छोटे प्रश्नों पर ध्यान देने पर अधिक अंक प्राप्त किए जा सकते है।
-परीक्षा में प्रश्न करते समय वे प्रश्न पहले हल करने चाहिए। जिनके जवाब विद्यार्थी को सबसे बेहतर तरीके से याद है। उन प्रश्नों का तनाव नहीं लेना चाहिए। जिन प्रश्नों के जवाब कम आते है या आते ही नहीं हैं। परीक्षा भवन में प्रवेश से पहले संभावित प्रश्नों व परीक्षा समाप्ति के बाद किए गए प्रश्नों की चर्चा नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने पर अगले प्रश्न पत्र पर मानसिक प्रभाव पड़ता है।