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पाली

कोरोना आया तो…पाली का बांगड़ चिकित्सालय तैयार, जिला लाचार

– पाली शहर में बांगड़ चिकित्सालय सहित मेडिकल कॉलेज में 430 सिलेण्डर के ऑक्सीजन प्लांट- जिले के सोजत, जैतारण, बाली व तखतगढ़ में प्लांट पूर्ण रूप से नहीं तैयार

पालीDec 09, 2021 / 03:58 pm

Suresh Hemnani

कोरोना आया तो...पाली का बांगड़ चिकित्सालय तैयार, जिला लाचार

कोरोना आया तो…पाली का बांगड़ चिकित्सालय तैयार, जिला लाचार

पाली। कोरोना की दूसरी लहर के बाद प्रदेश में अधिकांश जगह पर कोराना पॉजिटिव शून्य हो गए थे। जो अब लोगों की लापरवाही और ओमिक्रॉन के खतरे के बीच फिर बढऩे लगे हैं। पाली शहर के मरुधर नगर में भी तीन केस पॉजिटिव आ चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से पूरे प्रदेश त्रस्त हुआ था। ऐस में कई जगह पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने शुरू किए गए, लेकिन इसके बाद कोरोना मरीज घटने से प्लांटों का कार्य मंथर हो गया। आज हालात यह है कि जिले के सबसे बड़े बांगड़ चिकित्सालय में 430 ऑक्सीजन सिलेण्डर क्षमता के प्लांट तो तैयार हैं, लेकिन सोजत, जैतारण, बाली व तखतगढ़ के प्लांट अभी तक पूर्ण नहीं हो सके हैं। ऐसे में ओमिक्रॉन के खतरे के साथ कोरोना के मरीज बढ़े तो एक बार फिर दूसरी लहर की तरह बांगड़ पर दबाव बढ़ जाएगा। बेड की मारामारी शुरू होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।
दो प्लाण्ट, बिजली का पता नहीं, सिलेण्डर भरने के संसाधन नहीं
सोजत। शहर के राजकीय चिकित्सालय के परिसर में दो ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए थे। जिनमें एक प्लांट केंद्र सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) व दूसरा नगर पालिका की ओर से तैयार करवाया गया है, लेकिन प्लांट में 250 केवी का ट्रांसफार्मर व दोनों प्लांट के डीजी सेट आज तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इन दोनों प्लांट से 75-75 ऑक्सीजन सिलेंडर भरे जाने की क्षमता है। ऐसे में डीआरडीओ द्वारा लगाए गए प्लांट के ऑक्सीजन गैस की लेबोरेट्री टेस्ट रिपोर्ट आ गई है। वहीं पालिका द्वारा लगाए गए प्लांट के ऑक्सीजन गैस के सेम्पल का लेबोरेट्री टेस्ट अभी तक नहीं कराया गया है।
ऑक्सीजन की गुणवत्ता रिपोर्ट का इंतजार
जैतारण। राज्य सरकार ने एनआरएचएम के माध्यम से करीब 60 लाख की लागत से राजकीय चिकित्सालय परिसर में ऑक्सीजन प्लांट क ा निर्माण कराया। करीब 20-22 दिन पूर्व ऑक्सीजन प्लांट को शुरू कर ऑक्सीजन का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया था। जिससे प्लांट को शुरू किया जा सके, लेकिन उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। चिकित्सालय प्रभारी डॉ. देवेन्द्र सोलंकी ने बताया कि प्लांट के ऑक्सीजन सेम्पल की रिपोर्ट आनी शेष है।
महीनों से चल रहा है काम, अब स्थानांतरण की बात
बाली। राजकीय चिकित्सालय में ऑस्ट्रेलिया की सामाजिक संस्था के सहयोग से करीब 50 लाख की लागत से ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हुआ। इसकी टेस्टिंग भी की जा चुकी है। विधायक पुष्पेंद्रसिंह राणावत के सहयोग से बने इस प्लांट को अब चिकित्सा विभाग ने चिकित्सालय परिसर के नए कमरे बनाकर लगाने का प्रस्ताव रखा है। इस कारण अभी तक प्लांट प्रारंभ नहीं किया गया है। पलंग तक ऑक्सीजन पाइप लाइन पहुंच गई, लेकिन वॉल्व नहीं लगाए गए।
कार्यवाहक सीएमएचओ डॉ. विकास मारवाल ने बताया कि चिकित्सालय में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट चालू अवस्था में है। जरूरत पडऩे पर प्रारंभ कर दिया जाएगा। ऑक्सीजन प्लांट को नए स्थान पर स्थानांतरित करना प्रस्तावित है। विधायक राणावत ने का कहना है कि चिकित्सा विभाग पाली की कार्यशैली दुर्भाग्यपूर्ण है। चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट तैयार है। उसको लगाने के लिए विधायक कोष से राशि ली गई। अब उसे अन्यत्र कहीं भी स्थापित किया जाता है तो उसका खर्चा कौन देगा? यह जनता के पैसे के दुरुपयोग है।
ऑक्सीजन प्लांट तैयार, रिपोर्ट का इंतजार
तखतगढ़। कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हो चुका है। वार्डों में प्रत्येक बेड तक कनेक्शन दिए गए हैं। प्लांट को तकनीकि विशेषज्ञों ने एक बार चालू करके ऑक्सीजन गैस का निर्माण कर गैस सिलेंडर को ऑक्सीजन की गुणवत्ता जांच के लिए जयपुर स्थित लेब भेजा है। वहां से गैस की गुणवत्ता रिपोर्ट आते ही प्लांट को चालू कर दिया जाएगा।

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