बीकानेर के लूणकरनसर, श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के गांवों में मावा बनाने के बायलर लगे हैं, साथ ही जोधपुर के फलोदी व लोहावट के पीलवा क्षेत्र में मावा का कारोबार दशकों से है। फलोदी के बड़ली कलां में भी कई वर्षों से मावे का कारोबार होता है। इसलिए मारवाड़ क्षेत्र के लगभग सभी शहर और कस्बों में इन क्षेत्रों से मावे की आपूर्ति होती है। दीपावली के समय पाली, जालोर व सिरोही क्षेत्र में मावे की मांग कई गुना बढ़ जाती है। इन क्षेत्रों में दूध के उत्पादन व खपत को देखते हुए मावा उतना नहीं बन पाता है, जितना चाहिए। जानकारों की माने तो ऐसे में कारोबारी बीकानेर व फलोदी से मावा मंगवाते है। इस मौके पर नकली मावा तैयार कर पाली क्षेत्र में भेजने की तैयारी चल रही है।
सोमेसर। निकटवर्ती जवाली में बुधवार को उपखण्ड अधिकारी गोमती शर्मा व फू ड इंस्पेक्टर दिलीपसिंह की देखरेख में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के लिए मिठाई की दुकानों व दूध की डेयरी से सैम्पल लिए गए।
रोहट। कस्बे में बुधवार को शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत मिठाइयों की दुकानों से सैम्पल लिए गए। रोहट कस्बे की छह दुकानों की जांच की गई। अभियान के तहत रोहट में तहसीलदार प्रवीण चौधरी, प्रवर्तन निरीक्षक जितेन्द्र सिंह आशिया, उपप्रबंधक जिला दुग्ध उत्पादक समिति से एस पी गहलोत, सीएसएच से डूंगरराम की टीम रोहट पहुंची, जहां छह दुकानों पर जांच की। उन्होंने कैमिकल डालकर जांच की।
नकली मावे से बनी मिठाइयों में जहरीले तत्व होते हैं, जो गुर्दा व लीवर को नुकसान पहुंचाता है। कैंसर कोशिकाएं तक विकसित हो जाती हैं। इनका उपयोग खतरनाक होता है। – डॉ. एचएम चौधरी, बांगड़ मेडिकल कॉलेज, पाली
दीपावली पर बीकानेर व फलोदी क्षेत्र से नकली मावा यहां खपाने की सूचना मिली है। इसके लिए मुखबिर छोड़े गए हैं। जल्द ही इस पर कार्रवाई करेंगे, मिठाई कारोबारी नकली मावा नहीं खरीदे। ऐसी मिठाइयां मिली तो कड़ी कार्रवाई होगी। – दिलीप सिंह यादव, जिला खाद्य अधिकारी, पाली