बैंक प्रशासन का इस मामले में कहना है कि मंगलवार को वे उसके घर जरुर गए थे, लेकिन गटूसिंह घर पर नहीं मिला। ट्रेक्टर के लिए लिया था ऋण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से गटूसिंह पुत्र पहाड़सिंह राजपूत ने 27 नवंबर 2015 को टै्रक्टर खरीद के लिए 2 लाख 95 हजार का कृषि ऋण लिया था। यह राशि बकाया चल रही थी। आरोप है कि बैंक स्टाफ बार बार उसे परेशान कर रहा था। इसी सिलसिले में बैंक स्टाफ अंतिम बार 10 अपे्रल 2019 को गटूसिंह से मिला था और उसे अंतिम नोटिस जारी किया गया था। जिसमें गटूसिंह की कुल बकाया राशि ब्याज सहित 3 लाख 96 हजार 93 रुपए बताई गई थी।
जो ट्रैक्टर खरीदा, उसी को लेकर गया मौत को गले लगाने
खेती-किसानी का काम करने वाले गटूसिंह ने वर्ष 2015 में टै्रक्टर खरीदा था। मंगलवार को टे्रन के आगे उसने कूदकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के लिए गटूसिंह अपने ट्रेक्टर पर ही पहुंचा था और ट्रेक्टर को एक तरफ खड़ा करने के बाद ट्रेन के आगे कूद गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इनका कहना है मंगलवार को मुख्य प्रबंधक समेत हम भागली गए थे। इस दौरान गटूसिंह नहीं मिला, परिजनों से बातचीत हुई थी। उसने वर्ष 2015 में कृषि ऋण लिया था, जिसका बकाया था। उससे संबंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाने गए थे। उसकी मौत की जानकारी नहीं है।
विरेंद्र कुमार, बैंक कार्मिक