कोरोना संक्रमण के बाद वायरल में काम आने वाले आइवरमेक्टिन-12, पेरासिटामोल टेबलेट व एंटीबायोटिक टेबलेट एजिथ्रोमाइसिन टेबलेट, विटामिन सी, जिंक एंटीकोल्ड टेबलेट की बिक्री में भारी उछाल आया है। लोग बिना चिकित्सकीय सलाह के ही इन टेबलेट की ओवरडोज ले रहे हैं, जो खतरनाक है।
इस साल मार्च माह के अंत से कोरोना की दूसरी लहर का संक्रमण फैलना शुरू हुआ, जो जारी है। इस सीजन में हर कोई बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश जैसी समस्या से ग्रसित है। ऐसे में लोग अपनी मर्जी से ही पेरासिटामोल, एंटीकोल्ड व एजिथ्रोमाइसिन टेबलेट ले रहे हैं, उन्हें यह पता नहीं कि कौनसी डोज कितनी लेनी है, इस चलन से मारवाड़- गोडवाड़ में इन टेबलेट की बिक्री में भारी उछाल आया है।
पाली में रास व सुमेरपुर में ऑक्सीजन का प्लांट लगा हुआ है, यहां 24 घंटे उत्पादन जारी है। जिले के सबसे बड़े बांगड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ढाई सौ से अधिक मरीज भर्ती है। रोजाना कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, भर्ती मरीजों में 70 प्रतिशत से अधिक ऑक्सीजन पर है। फिलहाल जिले में ऑक्सीजन की सप्लाई पर कंट्रोल है, लेकिन भर्ती मरीज दोगुने हो गए तो ऑक्सीजन को लेकर भागदौड़ हो सकती है। चिकित्सा विभाग व जिला प्रशासन इस पर लगातार निगरानी रख रहा है।
पाली के बांगड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल, सुमेरपुर, तखतगढ़, रानी, फालना, बाली, सादड़ी, देसूरी, सोजत, रोहट, मारवाड़ जंक्शन, जैतारण, सोजत रोड, बगड़ी नगर, नाडोल सहित छोटे गांवों व कस्बों की सरकारी अस्पतालों में मरीजों की कतार लग रही है। अधिकांश मरीजों की पर्ची पर पेरासिटामोल, एंटीकोल्ड, विटामिन सी व जिंक और एजिथ्रोमाइसिन टेबलेट लिखी जा रही है। जो लोग अस्पताल नहीं जा रहे हैं, वे हल्के जुकाम में भी भारी डोज ले रहे हैं। जो सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
अभी जिले में जरूरत के लिहाज से ऑक्सीजन सप्लाई काबू में है। एंटीकोल्ड, एंटीवायरल व एंटीबायोटिक दवाइयों की बिक्री में उछाल आया है। लोग पेनिक न हो। चिकित्सकीय सलाह से काम करें। ऑक्सीजन की कमी नहीं आने दी जाएगी। – भरत गोस्वामी, सहायक औषधि नियंत्रक, पाली।