माता का विधि-विधान से पूजन किया और कोरोना महामारी को खत्म करने की प्रार्थना की। शहर के निकट स्थित पुनागर माता भाखरी पर भी महंत अभयपुरी के सान्निध्य में हवन व पूजन किया गया। माता के दरबार में मेला नहीं भरा।
दुगाष्टमी को लेकर सुबह से ही माता के आराधकों में उत्साह रहा। आराधकों ने सुबह घरों में माता के आठवें रूप महागौरी का पूजन किया। माता का आभूषणों से शृंगार किया। इसके बाद परिजनों के साथ बैठकर हवन वेदी में आहुतियां दी।
हवन पूर्ण होने के बाद माता का स्परूप मानकर नौ कन्याओं व दो बटुकों को भैरव रूप मानकर पूजन किया। उनको भोजन करवाकर वस्त्र आदि भेंट किए। कोरोना के कारण कई लोगों ने कन्याओं व बटुकों को भोजन कराने के स्थान पर उनको भोजन प्रसाद या फल आदि उनके घर जाकर ही भेंट किए।